कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कैंब्रिज विश्वविद्यालय में अपने व्याख्यान के दौरान सुनने की कला (art of listening) पर जोर दिया। उन्होंने वैश्विक स्तर पर लोकतांत्रिक माहौल को बढ़ावा देने के लिए नई सोच का आह्वान किया। हमें जबरन डाले जाने वाले दबाव का विरोध करना होगा। राहुल ने हालिया वर्षों में भारत और अमेरिका जैसे लोकतांत्रिक देशों में विनिर्माण में गिरावट का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस बदलाव ने बड़े पैमाने पर असमानता और नाराजगी को जन्म दिया है। इस पर तत्काल ध्यान देने और बात करने की आवश्यकता है।
‘Learning To Listen In The 21st Century’ – the topic of Mr @RahulGandhi’s lecture is the key takeaway of the #BharatJodoYatra. He has consistently given people a safe space to voice their concerns and aspirations and has set the narrative for the future of politics. pic.twitter.com/RIkm1c2heH
— Pawan Khera 🇮🇳 (@Pawankhera) March 1, 2023
केरल के वायनाड से कांग्रेस सांसद कैंब्रिज जज बिजनेस स्कूल (कैम्ब्रिज जेबीएस) के विजिटिंग फेलो हैं। उन्होंने मंगलवार शाम को 21 वीं सदी में सीखने के विषय पर विश्वविद्यालय में छात्रों को संबोधित किया। राहुल गांधी ने कहा कि हम ऐसे ग्रह का खर्च नहीं उठा सकते, जो लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत काम नहीं कर सकता। इसलिए हमें इस बारे में नई सोच की जरूरत है कि आप कैसे लोकतांत्रिक वातावरण में काम कर सकते हैं, बजाय जबरन दबाव वाले वातारण के।
कैंब्रिज जेबीएस ने कहा कि एमबीए छात्रों के लिए गांधी का व्याख्यान दुनिया भर के लोगों के महत्व के इर्द-गिर्द रहा। ऐसे लोग जो 21वीं सदी में नई चिंताओं को सुनने का एक तरीका खोज रहे हैं। ‘सुनने की कला’ जब लगातार और लगन से की जाती है, तो बहुत शक्तिशाली होती है।
21वीं सदी में लोगों की आवाज़ को सुनना भारत जोड़ो यात्रा का सबसे बड़ा संदेश है
आज यह संदेश केम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में राहुल जी के लेक्चर के दौरान गूंजा
दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी में विज़िटिंग फेलो यानी पढ़ाना गर्व की बात है ख़ासतौर से जब आप वहाँ स्वयं पढ़े हों 🙂👌 pic.twitter.com/CQPvLehPpU
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) March 1, 2023
राहुल गांधी ने लेक्चर की शुरुआत भारत में पूर्वाग्रह, बेरोजगारी और बढ़ती असमानता पर ध्यान आकर्षित करने के लिए सितंबर 2022 से जनवरी 2023 तक 12 राज्यों में लगभग 4,000 किलोमीटर की भारत जोड़ो यात्रा की रूपरेखा के साथ की। उन्होंने कैंब्रिज विश्वविद्यालय के छात्र सभा को यह भी समझाया कि ‘यात्रा’ एक सफर या तीर्थयात्रा की तरह है, जिसमें लोग खुद को सीमित कर देते हैं, ताकि वे दूसरों को सुन सकें।
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से विशेष रूप से सोवियत संघ के 1991 के पतन के बाद से अमेरिका और चीन के दो अलग-अलग दृष्टिकोण पर भी लेक्चर में बात की गई। राहुल ने कहा कि विनिर्माण से जुड़ी नौकरियों में कमी के अलावा 11 सितंबर 2001 के आतंकवादी हमलों के बाद अमेरिका ने अवसरों को और सीमित कर दिया। इस बीच चीन ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के इर्द-गिर्द संगठन के माध्यम से सद्भाव को आदर्श बनाया।
This is what Mr @RahulGandhi said in Cambridge…
Bringing an Indian perspective to Cambridge – News & insight – Cambridge Judge Business School https://t.co/pV77HXHh42
— Supriya Bhardwaj (@Supriya23bh) March 1, 2023
उनके व्याख्यान के अंतिम भाग के रूप में ‘वैश्विक वार्तालाप के लिए अनिवार्यता’ के विषय से बातचीत हुई। इस दौरान उन्होंने अलग-अलग दृष्टिकोणों के लिए एक नए प्रकार की ग्रहणशीलता के आह्वान में विभिन्न पहलुओं पर बात की।
विशेष रिपोर्ट-
अजीत राय ‘विश्वास’
चीफ एडवाइजर- ELE India News