केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच चौथे दौर की वार्ता भी बेनतीजा, अगली तारीख़ है 5 दिसम्बर

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केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ हरियाणा, पंजाब के किसानों का हल्ला बोल जारी है। किसान आंदोलन का गुरुवार को आठवां दिन है, लेकिन कोई भी हल नहीं निकल सका है। सरकार के साथ किसान नेताओं की आज चौथे दौर की लंबी बैठक हुई, जिसके बाद फिर से 5 दिसंबर को बातचीत करने पर सहमति बनी। साढ़े सात घंटे तक चली बैठक में किसान नेताओं और सरकार के मंत्रियों के बीच एमएसपी, मंडी सिस्टम, पराली, बिजली आदि पर चर्चा हुई। बैठक खत्म होने के बाद किसानों और सरकार दोनों ने सकारात्मक बातचीत होने का दावा किया है, लेकिन किसानों का कहना है कि वे नए कानूनों के वापस लिए जाने तक अड़े रहेंगे। 

बैठक में एमएसपी, मंडी, पराली पर विस्तार से हुई चर्चा

दिल्ली के विज्ञान भवन में हुई गुरुवार को बैठक में एमएसपी, मंडी, पराली को लेकर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। किसानों ने कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग रखी है। बैठक से निकलने के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा आज बहुत अच्छे वातावरण में चर्चा हुई है। किसानों ने अच्छी तरीके से अपने विषयों को हमारे सामने रखा है। इन पर परसों होने वाली चर्चा पर और बातचीत होगी। नरेंद्र सिंह तोमर ने मंडियों को लेकर कहा कि किसानों की चिंता मंडी पर भी है। किसानों का कहना है कि नए कानून आने से मंडी खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा, ”भारत सरकार यह विचार करेगी कि मंडी और अधिक सशक्त हो और इसका इस्तेमाल पहले से और बढ़े।”

तोमर का कहना है कि नए कानून के बाद से प्राइवेट मंडी तो आएगी, लेकिन प्राइवेट और सरकारी मंडियों में एक प्रकार का टैक्स लगाया जाए, इस पर भी सरकार विचार करेगी। उन्होंने बताया कि किसानों की चिंता है कि जब मंडी के बाहर व्यापार होगा तो वह पैन कार्ड से होगा। पैन कार्ड तो बहुत आसानी से बन जाएगा। इसलिए सरकार यह भी सुनश्चित करेगी कि ट्रेडर्स का रजिस्ट्रेशन किया जाए। वहीं, तोमर ने बताया कि बैठक में पराली के एक ऑर्डिनेंस पर भी बातचीत हुई है। इसके अलावा, किसानों से जुड़ी बिजली की समस्या पर भी सरकार विचार करने को तैयार है। उन्होंने कहा कि एमएसपी अभी भी चल रही है और आगे भी चलती रहेगी।

किसानों की एसडीएम कोर्ट पर चिंता

बैठक के दौरान किसानों की समस्या एसडीएम कोर्ट को लेकर भी है। नए कृषि कानून में विवाद के निपटारे के लिए एसडीएम कोर्ट की बात की गई है तो किसानों ने इस पर चिंता व्यक्त की है। नरेंद्र तोमर ने बैठक के बाद बताया कि किसानों का कहना है कि एसडीएम एक छोटा कोर्ट है और कोर्ट में जाने की उन्हें अनुमति होनी चाहिए। इस बात पर किसानों का काफी बल था। हम विचार करेंगे कि एसडीएम कोर्ट के साथ कोर्ट भी रहे।

किसान नेता ने कहा, कानून में संशोधन हमें मंजूर नहीं

किसान नेताओं ने बैठक के बाद कहा कि आज की बैठक में सरकार संशोधन की बात कर रही है, लेकिन हम इस पर अड़े हैं कि नए कानूनों को रद्द करवाना है। सरकार एमएसपी पर बाजार करने के लिए सहमत हुई है। सरकार और किसानों के बीच एक बार फिर से 5 दिसंबर को बातचीत होगी। एक अन्य किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार कानून में संशोधन चाहती है। हम कानूनों को वापस करवाना चाहते हैं। हालांकि, आज की बैठक में कुछ बात आगे जरूर बढ़ी है। लेकिन किसानों का आंदोलन खत्म नहीं होगा। प्रदर्शन जारी रहेगा।

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