केंद्र सरकार ने साफतौर पर कह दिया है कि केंद्रीय अर्धसैनिक बलों और सशस्त्र बलों के अधिकारियों को भारतीय पुलिस सेवा यानी ‘आईपीएस’ में शामिल नहीं किया जाएगा। सरकार का ऐसा कोई विचार नहीं है और न ही केंद्रीय गृह मंत्रालय के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव आया है। सिविल सेवा परीक्षा में आईपीएस की संख्या बढ़ाई गई है। राज्य पुलिस सेवा से पदोन्नति के द्वारा भारतीय पुलिस सेवा में नियुक्तियां करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है।
संसद के चालू सत्र में राज्यसभा सदस्य परिमल नथवानी ने यह सवाल पूछा था कि क्या देश में विशेषकर आंध्रप्रदेश, झारखंड व गुजरात में भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों की भारी कमी है। भारतीय पुलिस सेवा में सशस्त्र बलों, केंद्रीय अर्धसैनिक बलों व राज्य पुलिस के अधिकारियों को शामिल करने में कोई कानूनी बाधा है। अगर ऐसा है तो इस कानूनी बाधा को दूर करने के लिए सरकार द्वारा क्या कार्रवाई कर रही है। क्या यह सच है कि सशस्त्र बल के कुछ अधिकारियों को इस संबंध में रक्षा मंत्रालय से अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त करने में समस्या आ रही है। सरकार ने इन मुद्दों का समाधान करने के लिए क्या कार्रवाई करने का विचार बनाया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय में राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने इस सवाल के जवाब में कहा, 01 जनवरी 2020 की स्थिति के अनुसार, आंध्रप्रदेश, झारखंड और गुजरात सहित देश में आईपीएस की अधिकृत संख्या 4982 है। मौजूदा समय में 4074 अधिकारी कार्यरत हैं। आंध्रप्रदेश, झारखंड और गुजरात में 115, 121 व 169 आईपीएस अधिकारी हैं।
राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि सशस्त्र बलों और अर्धसैनिक बलों के अधिकारियों को आईपीएस में शामिल करने का ऐसा कोई प्रस्ताव इस मंत्रालय में नहीं है। तथापि, भारतीय पुलिस सेवा (पदोन्नति द्वारा नियुक्ति) नियमावली, 1955 के नियम 9 के उप नियम (1) के साथ पठित भारतीय पुलिस सेवा (भर्ती) नियमावली, 1954 के नियम 9 के उप नियम (1) के अंगर्तत वार्षिक आधार पर राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों को आईपीएस में शामिल किया जाता है।
आईपीएस अधिकारियों की कमी को दूर करने के लिए आईपीएस (सीधी भर्ती) के बैच आकार को 88 से आगे बढ़ाकर सिविल सेवा परीक्षा 2005 में 103, सिविल सेवा परीक्षा 2008 में 130 और सिविल सेवा परीक्षा 2009 में 150 कर दिया गया है। इसके अलावा राज्य पुलिस सेवा से पदोन्नति के द्वारा भारतीय पुलिस सेवा में नियुक्तियां करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है।