कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 55वां दिन है। आज किसानों ने 23-24 जनवरी को किसान संसद का आयोजन करने का ऐलान किया। यह आयोजन सिंघु बॉर्डर के पास गुरु तेग बहादुर मेमोरियल में किया जाएगा। इसमें आंदोलन से जुड़े सभी मुद्दों के अलावा मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) पर भी बात होगी। सुप्रीम कोर्ट के कुछ रिटायर्ड जज, कुछ पूर्व सांसद, पत्रकार पी साईंनाथ, सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर, सीनियर एडवोकेट प्रशांत भूषण इसमें शामिल होंगे।
इस बीच, किसानों ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालने को लेकर मंगलवार को दिल्ली पुलिस के साथ मीटिंग की। किसानों ने साफ कहा कि वे तय शेड्यूल के मुताबिक ही दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे। क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने कहा कि हमने अधिकारियों को भरोसा दिया है कि ट्रैक्टर मार्च शांतिपूर्ण होगा। पुलिस ने कहा कि वे इस बारे में विचार करेंगे और इस मुद्दे पर अगले एक-दो दिन में अगली मीटिंग हो सकती है।
आंदोलन के समर्थन में अन्ना 30 से दिल्ली में अनशन करेंगे
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने 30 जनवरी से किसानों के समर्थन में रामलीला मैदान में अनशन शुरू करने का ऐलान किया है। लेकिन, केंद्र सरकार के निर्देश पर भाजपा की राज्य इकाई ने पूर्व कृषि मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल को अन्ना को मनाने का जिम्मा सौंपा है। विखे पाटिल का प्रभाव क्षेत्र महाराष्ट्र के अहमदनगर का वह इलाका माना जाता है, जहां अन्ना का गांव रालेगण सिद्धि है।
किसान ने खुदकुशी की कोशिश की
टीकरी बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन में एक और किसान ने खुदकुशी की कोशिश की। किसान रोहतक का रहने वाला है। उसका नाम जय भगवान राणा है। उसने मंगलवार को जहरीला पदार्थ खा लिया। किसान की हालत गंभीर है।
जय भगवान ने सुसाइड नोट भी छोड़ा है। इसमें लिखा है कि अब यह आंदोलन मूंछों की लड़ाई बन गया है। सरकार और किसान दोनों मानने को तैयार नहीं हैं। इसे खत्म करने के लिए दोनों पक्षों को इच्छा शक्ति दिखाना होगा।
सुप्रीम कोर्ट में कल सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा था कि दिल्ली में किसानों को एंट्री दी जाएगी या नहीं, यह पुलिस तय करेगी। क्योंकि, यह कानून-व्यवस्था से जुड़ा मुद्दा है। इस मामले में कल (बुधवार को) सुनवाई होगी।
किसानों की सरकार से भी कल बातचीत
किसानों और सरकार के बीच आज 11वें दौर की बातचीत होनी थी, लेकिन सरकार ने सोमवार रात बताया कि मीटिंग मंगलवार की बजाय बुधवार को की जाएगी। इससे पहले 10 दौर की बैठकों में से 9 बेनतीजा रही थीं।
किसान नेता बोले- सुप्रीम कोर्ट की कमेटी से नहीं मिलेंगे
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने मंगलवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जो कमेटी बनाई है, उसकी मीटिंग में नहीं जाएंगे। कोई आंदोलनकारी कोर्ट नहीं गया था। सरकार ने अध्यादेश के जरिए संसद में बिल पेश किया था, यह उसी रास्ते वापस होगा।
गुरुवार को किसानों से बात करेगी कमेटी
सुप्रीम कोर्ट की बनाई कमेटी के सदस्यों ने मंगलवार को पहली मीटिंग की। इसमें किसानों से बातचीत के लिए 21 जनवरी की तारीख तय की गई। कमेटी में शामिल अनिल घनवट ने बताया कि जो किसान खुद आकर कमेटी से मिलना चाहते हैं, उनसे आमने-सामने मीटिंग की जाएगी। जो नहीं आ सकते हैं, उनके साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात होगी।
उन्होंने कहा कि अगर सरकार भी हमारे साथ बात करना चाहती है, तो उसका भी स्वागत है। हम सरकार को भी सुनेंगे। सबसे बड़ी चुनौती आंदोलनकारी किसानों को बैठक के लिए तैयार करने की है। हम अपने लेवल पर पूरी कोशिश करेंगे।