आपको याद होगा दो दिन पहले दिल्ली में इंडिया गेट पर कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान एक ट्रैक्टर जलाए जाने पर कैसे चिंता जाहिर की गयी थी लेकिन आज एक बेटी को दरिंदगी के बाद जलाए जाने पर भी सरकार के नुमाइंदे खामोश हैं ! यूपी के हाथरस की रहने वाली बेटी को दरिंदों की हैवानियत का शिकार होने के बाद चुपके से रात के अंधेरे में शव को जला देने वाले यूपी पुलिस-प्रशासन ने किस कदर कदम कदम पर उसे जलाया इसकी दास्तां सुनकर किसी भी इंसान की रूह कांप उठे। पता नहीं सत्ता में इंसान बैठे हैं या हैवान ? हद तो ये कि आखिर में उस बच्ची का अंतिम संस्कार भी नहीं होने दिया गया। दर्द की अपार पीड़ा झेलने के बाद दम तोड़ देने वाली बेटी के परिजनों को ‘शव’ तक नहीं दिया गया।
भारत की एक बेटी का रेप-क़त्ल किया जाता है, तथ्य दबाए जाते हैं और अन्त में उसके परिवार से अंतिम संस्कार का हक़ भी छीन लिया जाता है।
ये अपमानजनक और अन्यायपूर्ण है।#HathrasHorrorShocksIndia pic.twitter.com/SusyKV6CfE
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 30, 2020
No, they did it on their own. We’re scared. Police forced us to take the body to cremation ground. We’d said we’ll do it in morning: Brother of #Hathras gangrape victim when asked if family had given consent for funeral
(Disclaimer: Interview time – around 4 am, after funeral) pic.twitter.com/KKbQBwxhV7
— ANI UP (@ANINewsUP) September 30, 2020
पहले तो प्रशासन झूठ बोलता रहा कि ‘कुछ हुआ ही नहीं है..’? जब सच्चाई देश के सामने आ गई तो यूपी सरकार को ये डर लगने लगा कि उसके प्रशासनिक अमले ने जो झूठी कहानी गढ़ी है उसकी पोल खुल जाएगी। सरकार को मालूम था कि बच्ची के साथ की गई दरिंदगी और हैवानियत के निशान खुद चीख चीख कर गवाही देने लगेंगे। इसीलिए सच को छुपाने के लिए बच्ची के मृत शरीर को रात के अंधेरे में जबरदस्ती जला दिया गया। परिजनों को हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार का मौका भी नहीं दिया गया। ये सब कुछ किया गया सरकार की ओर से, आप कल्पना कीजिए क्या बीत रहा होगा उस परिवार पर जिसने पहले तो अपनी बेटी को खो दिया और फ़िर ये सब!
एक ‘ट्रैक्टर’ जलने पर दुःखी चौकीदार एक ‘बेटी’ जलने पर भी निश्चिंत हैं ? जिस बच्ची ने जीते जी हैवानियत और दरिंदगी का तांडव झेला, मरने से पहले असहनीय पीड़ा झेली..उसकी मृत्यु के बाद यूपी की भाजपा सरकार ने हिंदू रीतिरिवाजों के अनुसार अंतिम संस्कार भी नहीं करने दिया। पुलिस ने रात 2:30 बजे अंधेरे में जबरन बच्ची को जला दिया। एक ‘राक्षस’ भी इतना हैवानियत नहीं दिखाता जितना यूपी सरकार ने दिखा दिया है। वो दरिंदे और सूबे की सरकार के नुमाइंदे दोनों इस जघन्य अपराध में बराबर दोषी हैं ! अब ‘न्याय’ कौन करेगा ? देश की जनता बेटी और पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है लेकिन ‘सरकार’ और ‘सरकारी अमला’ किसके साथ खड़ा है ये पूरा देश देख रहा है !