पूरा भारत इस समय कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा है। रोज हजारों लोगों की जान जा रही है। स्थिति इतनी बदतर हो गई है कि अन्य देश खुद मदद के लिए आगे आ रहे हैं। इसी कड़ी में अमेरिका ने रविवार को कहा कि- हमें भारत की दयालुता याद है और हम भारत को कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले कच्ची सामग्री की तुरंत सप्लाई करेंगे। राष्ट्रपति जो बिडेन ने कहा कि कोरोना महामारी की शुरुआत में जब हमारे अस्पतालों में दवाओं की कमी बनी हुई थी उस समय भारत ने हमारी मदद की थी। अब जरूरत की समय अमेरिका भारत की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है।
President Biden said he is “determined to help India in its time of need.” And up to 60 million doses of AstraZeneca vaccine could be exported in the coming months, according to @AP, as the drop in demand is leading some states to turn down shipments. https://t.co/kfx6NPHMxz
— USA TODAY (@USATODAY) April 27, 2021
ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के कोविड-19 टीके का निर्माण पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (सीआईआई) करता है। अमेरिका के जो बाइडन प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, “भारत सरकार के अनुरोध के बाद हम भारत के सीरम इंस्टीट्यूट में एस्ट्राजेनेका कोविशिल्ड वैक्सीन के उत्पादन के लिए कच्चा माल उपलब्ध कराएंगे।”
डोभाल की अमेरिकी समकक्ष के साथ हुई वार्ता
गौरतलब है कि भारत को कच्ची सामग्रियां भेजे जाने के बारे में अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) की प्रवक्ता एमिली होर्ने की ओर से एक बयान जारी किया गया है। प्रवक्ता ने पुष्टि की है कि अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन की अपने भारतीय समकक्ष अजीत डोभाल के साथ बातचीत में वैक्सीन के निर्माण में इस्तेमाल होने वाली कच्ची सामग्रियों के भेजे जाने पर पर सहमति बनी है।
अदार पूनावाल ने की थी प्रतिबंध हटाने की मांग
बता दें कि सीरम के सीईओ अदार पूनावाल पिछले एक महीने से ज्याता समय से कच्ची सामग्रियों पर लगे प्रतिबंध को अमेरिका से हटाने की मांग करते आए हैं। इसके लिए उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन को कई बार ट्वीट किया। गत पांच फरवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति ने वैक्सीन के निर्माण में इस्तेमाल होने वाली इन कच्ची सामग्रियों की अपने देश में उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए डिफेंस प्रोडक्शन एक्ट लागू कर दिया। विदेश मंत्रालय ने भी इस मसले को कई बार उठाया था क्योंकि उसे पता था कि इससे महत्वपूर्ण दवाओं आयात प्रभावित हो सकता है।
मदद को आगे आ रहे कई देश
कोरोना इस लड़ाई में अमेरिका के अलावा, फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम और जर्मनी सहित कई अन्य देशों ने भी भारत की मदद करने की घोषणा की है। वहीं कुछ देशों से तो मदद का सामान भारत के हवाईअड्डों पर उतरने भी लगा है।