लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से पंचायत चुनाव के दौरान ड्यूटी कर रहे जिन कर्मचारी की मौत कोरोना से हुई है. उनके परिवार के आश्रित को कम से कम एक करोड़ मुआवजे के तौर पर देने को कहा है. जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अजीत कुमार की खंडपीठ ने मंगलवार सुनवाई करते हुए यूपी सरकार और निर्वाचन आयोग को कहा, कि ड्यूटी कर रहे कर्मचारी अपने कर्तव्य का निर्वहन करते रहे थे. इसलिए आपकी घोषित मुआवजे की राशि 35 लाख रुपए कम है उसको वापस ले. मुआवजे की राशि कम से कम एक करोड़ होनी चाहिए.
यूपी में हाल में ही पंचायत चुनाव 2021 पूरा हुआ है. इस दौरान ड्यूटी पर कई कई कर्मचारियों की मौत हुई था. जिस पर सभी विपक्षी पार्टी के नेता अखिलेश यादव, प्रियंका गांधी ने यूपी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए मरे हुए कर्मचारियों को आर्थिक मदद देने की मांग की थी. जिसके बाद योगी सरकार ने ड्यूटी के दौरान कोरोना से संक्रमित हो कर मरे लोगों के परिवार को 35 लाख रुपए की मदद देने का ऐलान किया था. मृतक के परिवार को लोगों को एंटीजन या आरटीपीसीआर रिपोर्ट देनी है.
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मंगलवार की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने यूपी सरकार को अगले 2 दिनों के अंदर तीन सदस्य महामारी लोक शिकायत समिति का गठन करने का आदेश दिया है. इस समिति में जिला न्यायाधीश का एक नामित सदस्य जो मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के बराबर का अधिकारी हो, मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल, मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर या जिला अस्पताल के डॉक्टर को नामित किया जाएगा. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने यूपी सरकार को निर्देश दिया है कि बिजनौर, जौनपुर,बाराबंकी, श्रावस्ती और बहराइच के शहरी और ग्रामीण इलाकों के आबादी के हिसाब से कोरोना की जांच, लैब, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में बेड की उपलब्धता, जीवन रक्षक दवाइयां और उपकरण, डॉक्टरों की संख्या आदि का 31 मार्च 2021 से पहले तक का आंकड़ा मांगा है.