‘इंटेलिजेंस की चूक नहीं थी तो…’ नक्सली हमले को लेकर राहुल गांधी का केंद्र सरकार पर वार

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छत्तीसगढ़ में हुए माओवादी हमले को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि इस माओवाद-विरोधी आपरेशन की तैयारी अच्छे तरीके से नहीं की गई थी। राहुल गांधी ने यह बात तब कही जब एक दिन पहले ही सीआरपीएफ के एक सिनियर अधिकारी ने इस घटना के पीछे इंटेलिजेंस की चूक से इनकार किया था।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को एक ट्वीट किया। इस ट्वीट में राहुल ने सीआरपीएएफ के सिनियर अधिकारी जनरल कुलदीप सिंह के उस बयान, जिसमें उन्होंने कहा था कि यह घटना इंटेलीजेंस फेलियर की वजह से नहीं हुई है, का जिक्र करते हुए सवाल उठाया कि अगर यह किसी तरह के इंटेलीजेंस फेलियर का नतीजा नहीं था, तो मौतों का 1:1 अनुपात दिखाता है कि ऑपरेशन की योजना अच्छे तरीके से नहीं बनाई गई थी और इसका कार्यान्वयन भी पूरी तरह से नहीं हुआ। राहुल ने इसमें आगे जोड़ते हुए कहा, “हमारे जवान तोपों की बारूद नहीं हैं कि उन्हें शहीद होने के लिए भेज दिया जाए।”

बता दें कि शनिवार को छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर और सुकमा जिले की सीमा पर नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में सीआरपीएएफ के 22 जवान शहीद हो गए थे, वहीं 31 जवान घायल हुए हैं।

सीआरपीएएफ के सिनियर अधिकारी कुलदीप सिंह हमले के बाद रविवार को हालात का जायजा लेने के लिए छत्तीसगढ़ गए थे। इसके बाद ही उन्होंने कहा था कि हमले में लगभग 30 नक्सलियों की भी मौत हुई है। साथ उन्होंने यह भी कहा कि हमले के पीछे इंटेलीजेंस का फेलियर कोई वजह नहीं है।

उन्होंने सामाचार एजेंसी एनआई से कहा था, “यह कहने का कोई मतलब नहीं है कि इसमें किसी प्रकार की इंटेलिजेंस या ऑपरेशन फेलियर था। अगर वहां कुछ इंटेलिजेंस का फेलियर होता, तो ऑपरेशन के लिए सेना नहीं जाती और अगर वहां कुछ ऑपरेशनल फेलियर हो जाता, तो इतने नक्सली मारे नहीं जाते।”

आपको बता दें कि इस मुठभेड़ कुल शहीद 22 जवान हुए हैं, जिनमें सीआरपीएफ के आठ जवान शामिल हैं। इनमें से सात कोबरा कमांडो से जबकि एक जवान बस्तरिया बटालियन से है। बाकी शहीद जवान डीआरजी और विशेष कार्यबल के जवान हैं। अधिकारियों ने जानकारी दी है कि सीआरपीएफ के एक इंस्पेक्टर अब भी लापता हैं। बताया गया कि माओवादियों ने इस इलाके में सुरक्षाबलों के जवानों को तीन तरफ से घेर लिया था और कई घंटों तक उनपर मशीनगन और आईडी से हमले करते रहे।

गृह मंत्री अमित शाह, जिन्होंने हमले के बाद असम में अपने चुनाव अभियान को छोड़ दिया था, आज सुबह छत्तीसगढ़ में राज्य के नेताओं और अधिकारियों के साथ एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करने के लिए पहुंचे। इसके अलावा उन्होंने राज्य की राजधानी रायपुर में घायलों से मुलाकात भी की

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