अर्थव्यवस्था में लगातार गिरावट और मंदी के बावजूद सोना एक साल में 30 फीसदी से अधिक रिटर्न दे चुका है लेकिन अब इसने निवेशकों को झटका देना शुरू कर दिया है। महज एक माह में गोल्ड ईटीएफ में तीन फीसदी से अधिक का नुकसान हो चुका है। जबकि हफ्ते में दो फीसदी से अधिक का झटका लगा है। विशेषज्ञों का कहना है कि वायदा बाजार में सोने का बार-बार 50 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर से नीचे उतरना भी खतरे का सकेंत है।
छोटी अवधि में क्यों है घाटे का सौदा
सोना इस साल 58 हजार रुपये के स्तर से नीचे उतरकर 50 हजार रुपये के स्तर पर पहुंच चुका है। कोरोना के टीके की खबर और वैश्विक अर्थव्यवस्था में उम्मीद से तेज सुधार से निवेशकों ने शेयर बाजार की ओर रुख किया है। विशेषज्ञों का कहना है ऐसी स्थिति में छोटी अवधि में सोने की कीमतों में तेज उछाल की उम्मीद कम है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के उपाध्यक्ष (जिंस बाजार अनुसंधान) नवनीत दमानी का कहना है कि कोरोना की वैक्सीन के विकास में प्रगति की खबरों सोने के प्रति आकर्षण कुछ कम हुआ है। कोरोना काल में तेल की कीमतों के ऐतिहासिक निचले स्तर पर आने के बाद निवेशकों के बीच सोने को सुरक्षित निवेश के तौर पर देखा गया। लेकिन अब सोने की कीमतों में गिरावट शुरू हो चुकी है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसके अलावा वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार और अमेरिका-चीन में तनाव कम होने की उम्मीद से भी शेयरों की और रुझान बढ़ा है। जबकि सोने को लेकर रुझान कम हुआ है। ऐसे में सोने में निकट भविष्य में बहुत तेज उछाल की उम्मीद नहीं है।
लंबी अवधि में चमकेगा सोना
एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटी एंव करेंसी) अनुज गुप्ता का कहना है कि कोरोना के टीके को लेकर आ रही सकारात्मक खबरों से सोने के भाव वैश्विक स्तर पर गिर रहे हैं। इसके बावजूद मौजूदा निचले स्तर को देखते हुए सोना अगले एक साल में 57 हजार से 60 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है। उनका कहना है कि लंबी अवधि में सोने में निवेश फायदे का सौदा है। हालांकि, उनका यह भी कहना है कि निवेश के पहले पूरी पड़ताल जरूर करें।
ई-गोल्ड को कभी भी बेचने की सुविधा
कोरोना के दौर में ऑनलाइन सोने में निवेश (ई-गोल्ड) को लेकर निवेशकों का रुझान बढ़ा है। इसमें गोल्ड ईटीएफ, गोल्ड बॉन्ड और एप के जरिये सोने की खरीद जैसे विकल्प शामिल हैं। पेटीएम सहित कुछ एप महज एक रुपये में सोना खरीदने की सुविधा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जरूरत पर कभी भी बेचने की सुविधा की वजह से उपभोक्ता अब ई-गोल्ड को ज्यादा पसंद कर रहे हैं। जबकि ज्वैलरी खरीदने पर 30 फीसदी तक मेकिंग शुल्क चुकाना पड़ता है। साथ ही उसके बदले ज्वैलर नकदी देने में कतराते हैं।
सोने में निवेश के विकल्प
1. फिजिकल गोल्ड
2. ज्वैलरी
3. गोल्ड क्वॉइन
4. गोल्ड बार
5. गोल्ड सेविंग्स स्कीम
6. डिजिटल गोल्ड