देश में कोविड-19 महामारी की स्थिति को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की ओर से मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इसमें स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण और आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कोरोना की स्थिति को लेकर जानकारियां दीं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि भारत में कोरोना वायरस महामारी से ठीक हो चुके मामलों की संख्या 51 लाख के पार हो चुकी है। मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने कहा कि यह दुनिया में सबसे ज्यादा है। वहीं आईसीएमआर के दूसरे सीरो सर्वे से पता चला है कि अगस्त तक 10 साल से अधिक आयु के हर 15 में से एक व्यक्ति कोरोना से संक्रमित था। प्रेसवार्ता में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश की आबादी का बड़ा हिस्सा अभी भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकता है। भूषण ने कहा कि दूसरे सीरो सर्वे की रिपोर्ट से पता चला है कि देश की बड़ी आबादी अभी भी कोविड-19 की चपेट में है। देशभर में अब तक सात करोड़ 30 लाख से ज्यादा कोरोना जांच हो चुकी हैं। पिछले सप्ताह 77.8 लाख जांच हुई हैं।
As per ICMR’s (Indian Council of Medical Research) second national serosurvey report, one in 15 individuals aged more than 10 years were estimated to be exposed to #COVID19 by August 2020: Balram Bhargava, DG, ICMR pic.twitter.com/mnVanY4sRt
— ANI (@ANI) September 29, 2020
हर 15 में से एक व्यक्ति के संक्रमित होने का अनुमान
आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि संस्थान की ओर से कराए गए दूसरे सीरो सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार अगस्त 2020 तक 10 साल की आयु से अधिक हर 15 व्यक्ति में से एक के कोविड-19 की चपेट में आने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि हमें 5टी (टेस्ट, ट्रैक, ट्रेस, ट्रीट, टेक्नोलॉजी) की रणनीति पर ध्यान देना होगा।
गांवों के मुकाबले शहरों में संक्रमण की रफ्तार तेज
आईसीएमआर के दूसरे सीरो सर्वे में एक और चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। इसके अनुसार शहरी क्षेत्र के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्र में संक्रमण का खतरा कम है। शहरी झुग्गी-झोपड़ियों में संक्रमण का खतरा गैर-झुग्गी वाले शहरी इलाकों की तुलना में दोगुना है। वहीं, इन ग्रामीण इलाकों की तुलना में इन क्षेत्रों में संक्रमण का खतरा चार गुना है।
बता दें कि दूसरा सीरो सर्वे 17 अगस्त से 22 सितंबर के बीच कराया गया था। यह सर्वे देश के 21 राज्यों के 70 जिलों के 700 गांवों या वार्डों में करवाया गया था। इसका उद्देश्य 10 साल या इससे अधिक आयु के लोगों मे कोरोना संक्रमण के प्रसार का अनुमान लगाना था। देश की बड़ी आबादी पर अभी भी कोरोना की चपेट में है।
भारत में प्रति 10 लाख आबादी पर महज 70 मौतें
राजेश भूषण ने कहा कि भारत में कोविड-19 के चलते प्रति 10 लाख की आबादी पर होने वाली मौतों की संख्या भारत में सबसे कम है। भारत में यह संख्या 70 है जबकि दुनियाभर के लिए यह आंकड़ा 127 है। इसके अलावा ब्राजील में यह संख्या 665, ब्रिटेन में 618, अमेरिका में 614, फ्रांस में 483, दक्षिण अफ्रीका में 276 और रूस में 139 है।
सितंबर में की गईं 2.97 करोड़ कोविड-19 जांच
भारत में प्रति 10 लाख की आबादी पर कोविड-19 जांच की संख्या 50 हजार का आंकड़ा पार कर चुकी है। सितंबर माह में कुल 2.97 करोड़ जांच की गई हैं। इससे पहले अगस्त में 2.39 करोड़, जुलाई में 1.05 करोड़, जून में 49.9 लाख, मई में 29.4 लाख जांच की गई थीं। अप्रैल में यह आंकड़ा 8.64 लाख तो मार्च में 30 हजार था।
फिलहाल देश में जांच लैब की संख्या है 1836
देश में कोविड-19 जांच के लिए लैब (प्रयोगशाला) की संख्या में भी बढ़त हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि सितंबर माह तक भारत में कोरोना वायरस जांच के लिए लैब की संख्या 1836 है। अगस्त में देश में लैब की संख्या 1587 थी तो जुलाई में 1331 थी। जून में यह संख्या 1049, मई में 669, अप्रैल में 389 और मार्च में देश में लैब की संख्या 121 थी।
राज्यों को बनानी होगी अलग कंटेनमेंट रणनीति
डॉ. भार्गव ने कहा कि देश में अब त्योहारों का सीजन आने जा रहा है। ऐसे में हमें और सतर्क व सावधान रहना होगा जिससे कोरोना वायरस संक्रमण का प्रसार और बड़े स्तर न हो सके। उन्होंने कहा कि आने वाले कई त्योहार, सर्दी का मौसम और भीड़ जमा होने की स्थिति को देखते हुए राज्यों को अलग कंटेनमेंट रणनीति बनानी होगी।
मास्क वाली दीवाली और ईद मनाने की जरूरत
नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि आने वाले महीनों में कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए उचित कदम उठाए जाएं। हमें मास्क वाली पूजा, मास्क वाली छठ, मास्क वाली दीवाली, मास्क वाला दशहरा और मास्क वाली ईद’ सुनिश्चित करने की जरूरत है।
दूसरे सीरो सर्वे की रिपोर्ट में क्या सामने आया
शहरी झुग्गी-झोपड़ी वाले इलाकों में बाकी इलाकों की तुलमा में संक्रमण की रफ्तार तेज है।
ग्रामीण इलाकों में शहरी इलाकों की तुलना में कोरोना संक्रमण की गति काफी धीमी है।
यह सर्वे 29,082 लोगों पर हुआ था जिनमें 6.6 फीसदी लोगों में पूर्व में कोविड संक्रमण का पता चला।
बढ़ी जांच और पहचान की वजह से मई के मुकाबले अगस्त में संक्रमण की रफ्तार धीमी हुई।