केन्द्र सरकार ने वर्ष 2021-22 के आर्थिक विकास दर को संशोधित करते हुए 8.7 प्रतिशत से 9.1 प्रतिशत कर दिया है। सरकार की ओर से इससे संबंधित आंकड़े जारी कर दिए गए हैं। सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2022-23 में विकास दर सात प्रतिशत रहेगी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार अक्तूबर से दिसंबर तिमाही में विकास दर 4.4 प्रतिशत रही। पिछले वर्ष इसी अवधि में 11.2 प्रतिशत की विकास दर दर्ज की गई थी।
सितंबर 2022 क्वार्टर में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर 6.3% दर्ज की गई थी। इससे पहले जनवरी 2023 में जारी किए गए अग्रिम आंकड़ों में वर्ष 2022-23 के लिए सात प्रतिशत की वृद्ध दर का अनुमान लगाया गया था। दोनों अनुमानों के बीच महत्वपूर्ण अंतर यह है कि एसएई (दूसरे अग्रिम अनुमान) की गणना तीसरी तिमाही (अक्टूबर से दिसंबर) के जीडीपी आंकड़ों को शामिल करके की जाती है।
इससे पहले दिसंबर में भारतीय रिजर्व बैंक ने भू-राजनीतिक तनाव और वैश्विक वित्तीय स्थितियों में सख्ती के कारण चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को 6.8 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत कर दिया था। आरबीआई ने पिछले साल दिसंबर में तीसरी बार 2022-23 के लिए विकास दर के अनुमान में कटौती की थी।
वहीं, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने वर्ष 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए 6.8 प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान जताया है। वहीं एशियाई विकास बैंक का भी अनुमान है कि चालू वित्तीय वर्ष में देश की विकास दर 6.8 प्रतिशत रह सकती है।
विशेष रिपोर्ट-
दिनेश कुमार जैन
‘नेशनल कॉरस्पॉडेंट’ -ELE India News