मध्य प्रदेश में भाजपा की नजर अब आदिवासी वोट बैंक के बाद अनुसूचित जाति (एसटी) वर्ग के वोटों पर है। इसलिए भाजपा सरकार ग्वालियर में 16 अप्रैल को अंबेडकर महाकुंभ का आयोजन करने जा रही है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्यपाल मंगू भाई पटेल होंगे। कार्यक्रम में ग्वालियर और चंबल संभग के एक लाख लोगों को जुटाने की तैयारी है।
इस लिए सरकार 25 हजार बसें किराए पर लेंगी। इस पर 6 करोड़ 20 लाख रुपए खर्च का अनुमान है। बसों की व्यवस्था करने के लिए परिवहन आयुक्त ने अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव को अनुमानित किराए का 80% यानी 4.94 करोड़ रुपए आवंटित करने पत्र लिखा है। इस कार्यक्रम को भाजपा की चुनावी रणनीति का हिस्सा बताया जा रहा है।
यह है भाजपा का राजनीतिक गणित
मध्य प्रदेश की कुल आबादी में 15.6 प्रतिशत आबादी अनुसूचित जाति वर्ग की है। भाजपा 2023 के चुनाव के लिए एससी वर्ग के वोट बैंक को साधने की तैयारी कर रही है। 2018 के चुनाव में भाजपा को 109 सीटें मिली थी। जबकि कांग्रेस ने 114 सीट जीती थी। भाजपा को ग्वालियर-चंबल क्षेत्र से बड़ा नुकसान हुआ था।
यहां की 34 सीटों में भाजपा को 7 ही सीटें मिली थी। जबकि कांग्रेस ने 26 और एक सीट बसपा के पास गई थी। यहीं वजह थी कि भाजपा कुछ सीटें कम होने से सरकार नहीं बना पाई थी। अब 2023 में भाजपा दोबारा गलती नहीं दोहराना चाहती। इसलिए उसने ग्वालियर-चंबल अंचल पर अपना फोकस बड़ा दिया है। सभी बड़े नेताओं के भी दौरे इस क्षेत्र में कराए जा रहे हैं।
विशेष रिपोर्ट-
प्रकाश बारोड़
‘सह-संस्थापक’
एवं ‘स्टेट ब्यूरो चीफ’- मध्य प्रदेश