मौजूदा सत्र के दौरान संसद में सरकार और विपक्ष के बीच राजनीतिक घमासान जारी है। इसी बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार को आयकर विभाग ने नोटिस भेजा है। उन्हें यह नोटिस पिछले चुनाव में दिए गए हलफनामे को लेकर भेजा गया है। इसके अलावा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, मंत्री आदित्य ठाकरे, एनसीपी नेता सुप्रिया सुले को भी आयकर ने नोटिस भेजा है।
जानकारी के अनुसार, आयकर विभाग की तरफ से इस नोटिस के जरिए पिछले कुछ चुनावों में दाखिल किए गए हलफनामे की जानकारी मांगी गई है। नोटिस मिलने को लेकर जब पवार से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि वो लोग (नोटिस भेजने वाले) कुछ लोगों को ज्यादा चाहते हैं।
Delhi: Opposition MPs, inlcuding Congress’ Adhir Ranjan Choudhary and NCP’s Supriya Sule, hold a meeting in Parliament premises after boycotting the ongoing Lok Sabha session. https://t.co/IwTAyxviby pic.twitter.com/hjo8J16zOC
— ANI (@ANI) September 22, 2020
बता दें कि पिछले काफी समय से भाजपा और महाराष्ट्र सरकार के बीच तनातनी चल रही है। इसी बीच आयकर विभाग ने नेताओं को नोटिस भेजा है। इतना ही नहीं शरद पवार और शिवसेना ने लगातार कृषि विधेयकों का विरोध किया है। वहीं एनसीपी प्रमुख ने निलंबित राज्यसभा सांसदों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए एक दिन का उपवास रखने की घोषणा की है।
I will also take part in their (eight suspended Rajya Sabha MPs) movement. I will fast for a day to show support: Sharad Pawar, NCP (File Photo) pic.twitter.com/bawRVcxwxJ
— ANI (@ANI) September 22, 2020
आपको बता दें कि निर्वाचन आयोग ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उनके मंत्री बेटे आदित्य ठाकरे, शरद पवार और उनकी सांसद बेटी सुप्रिया सुले के खिलाफ झूठा हलफनामा देने के आरोप की जांच करने का आग्रह किया है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार चुनाव आयोग ने ये शिकायतें एक माह पहले ही सीबीडीटी को सौंपी थी और हाल ही में उसकी दोबारा याद दिलाई है। आयोग ने चुनावी हलफनामे में संपत्तियों और देनदारियों की सत्यता की जांच करने का आग्रह किया है।
क्या है प्रावधान
जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा 125ए के तहत यदि कोई व्यक्ति हलफनामे में झूठी जानकारी देने का दोषी पाया गया, तो उसे छह महीने की जेल, जुर्माना या दोनों ही सजा हो सकती हैं।