“शिक्षकों की बकाया सैलरी 31 मई तक दे उत्तरी दिल्ली नगर निगम, भले ही भीख मांगनी पड़े”- दिल्ली हाईकोर्ट

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आदेश के बाद भी शिक्षकों को वेतन और पेंशन नहीं दिए जाने पर दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कड़ी नाराजगी जाहिर की। हाईकोर्ट ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि हर हाल में शिक्षकों को वेतन व पेंशन देने के आदेश का पालन करें, भले ही इसके लिए आपको (नगर निगम) को भीख ही क्यों न मांगनी पड़े।

जस्टिस विपिन सांघी और जसमीत सिंह की बेंच ने उत्तरी निगम को 31 मई तक मौजूदा और पूर्व कर्मचारियों का वेतन व पेंशन देने के आदेश का पालन करने का आदेश दिया है। बेंच ने कहा कि आदेश का पालन नहीं होने पर उत्तरी निगम के कमिश्नर को निजी तौर पर पेश होना पड़ेगा। हाईकोर्ट ने कहा कि आप (उत्तरी नगर निगम) भीख मांगें, किसी से उधार लें या चोरी करें, लेकिन आपको अपने कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करना होगा। हाईकोर्ट ने अखिल दिल्ली प्राथमिक शिक्षक संघ की ओर से दाखिल याचिका पर पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की।

शिक्षक संघ की ओर से पेश हुए वकील रंजीत शर्मा ने बेंच को बताया कि आदेश के बाद भी शिक्षकों को सिर्फ फरवरी तक का वेतन दिया है। उन्होंने कहा कि पूर्व शिक्षकों को पेंशन का भी भुगतान नहीं किया गया। उन्होंने आदेश का पालन नहीं करने के लिए उत्तरी निगम के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू करने की मांग की है। बेंच ने अवमानना की कार्रवाई की मांग पर भी उत्तरी निगम से दो दिन के भीतर अपना पक्ष रखने को कहा है। बेंच को बताया गया कि दिल्ली सरकार से मिली वेतन मद का पैसा भी नगर निगम ने दूसरे कामों में खर्च कर दिया। शिक्षक संघ ने बेंच से कहा कि नगर निगम दिल्ली सरकार से जून माह तक वेतन मद का पैसा ले चुकी है, लेकिन शिक्षकों को भुगतान नहीं कर रही है।

नगर निगम की ओर से वकील दिव्य प्रकाश पांडे ने बेंच को बताया कि वेतन मामलों में रिपोर्ट दाखिल करने की प्रक्रिया में हैं। उन्होंने वेतन और पेंशन के लिए पैसे वितरित करने की कोशिश की है। बेंच ने उनके दलीलों को खरीज करते हुए कहा कि हम इस बारे में चिंतित नहीं हैं। बेंच ने कहा कि हम यह चाहते हैं कि आप (नगर निगम) वेतन व पेंशन देने के आदेश का पलान करें, भले ही इसके लिए भीख मांगनी पड़े, उधार लेना पड़े या फिर चोरी करनी पड़े।

बेंच ने कहा कि हमने पहले ही मौजूदा व पूर्व कर्मचारियों के वेतन व पेंशन जारी करने के लिए समय देने से इनकार कर दिया था। हाईकोर्ट ने नगर निगमों को अपने सभी मौजूदा व पूर्व कर्मचारियों को 5 अप्रैल तक वेतन व पेंशन का भुगतान करने का आदेश दिया था।

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