राजद सुप्रीमो लालू यादव को फोन प्रकरण पड़ा महंगा, बंगले से फिर पेईंग वार्ड में शिफ्ट किए गए

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चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को गुरुवार को रांची स्थित रिम्‍स निदेशक आवास (केली बंगले) से वापस रिम्‍स के पेइंग वार्ड के कमरा नंबर ए11 में शिफ्ट किया गया है। शिफ्ट करने के दौरान बंगले के बाहर हलचल काफी तेज हो गई। पेइंग वार्ड और बंगले के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। इससे पूर्व रिम्स निदेशक और पुलिस अधिकारी ने पेइंग वार्ड के कमरे का जायजा लिया। आधे घंटे के भीतर उन्हें बंगले से पेइंग वार्ड में शिफ्ट किया गया। इस दौरान साथ में स्थानीय थाना और जेल अधीक्षक भी मौजूद रहे।

इससे पहले बीते 5 अगस्त को कोविड संक्रमण के खतरे को देखते हुए उन्हें इसी पेइंग वार्ड के कमरे से निकालकर बंगले में रखा गया था। यहां से उन्होंने पूरे बिहार चुनाव के दौरान नेता-कार्यकर्ताओं से खुलकर बातचीत व मुलाकात की। बंगले को उन्होंने पार्टी कार्यालय की तरह इस्तेमाल किया। मंगलवार को भाजपा के बिहार से पीरपैंती विधायक ललन पासवान से लालू प्रसाद की बातचीत का ऑडियो क्लिप वायरल होने के बाद झारखंड-बिहार से लेकर केंद्र तक राजनीतिक हलचल तेज हो गई थी।

मामले पर चारों तरफ से जांच और कार्रवाई की मांग के बाद उन्हें निदेशक आवास से शिफ्ट करने पर चर्चा शुरू हो गई। विपक्ष के दबाव में आकर रांची के डीसी छवि रंजन ने जेल आइजी से मामले की गहनता से जांच व 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट मांगी। इसके बाद रिपोर्ट सौंपने से पहले ही राजद सुप्रीमो को बंगले से पेइंग वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। डीसी ने जेल प्रशासन से पूछा है कि रिम्स में कैसे जेल मैन्युअल की धज्जियां उड़ रही हैं। उन तक आखिर मोबाइल कैसे पहुंच रहा है।

बंगले से वार्ड में शिफ्ट करने से पहले परिसर में लगाए गए फोर्स

इधर, केली बंगले से राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को शिफ्ट करने से पहले जेल अधीक्षक हामिद अख्तर, सदर डीएसपी प्रभार रंजन बरवार ने बंगले का निरीक्षण किया। वहां से निकलने के बाद पेइंग वार्ड के पहले तल्‍ले के निरीक्षण के लिए टीम पहुंची। पहले तल्ले को खाली कराते हुए बंगले के फोर्स को वार्ड में शिफ्ट किया गया। सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने के बाद 4:04 बजे उन्हें कार्डियक एंबुलेंस से वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया।

मुफ्त की सेवा खत्म, अब फिर एक दिन के लगेंगे 1000 रुपये

लालू प्रसाद रिम्स में सबसे ज्यादा दिनों तक इलाज कराने वाले मरीजों में से हैं। वे रिम्स में दो साल दो महीने से भर्ती हैं। दो साल पहले उन्हें बेहतर इलाज के लिए एम्स में भर्ती किया गया था। इसके बाद 29 अगस्त 2018 को इन्हें रिम्स के कार्डियोलॉजी बिल्डिंग में शिफ्ट किया गया। कार्डियोलॉजी विभाग में कुत्तों की आवाज से परेशान होने के बाद 5 सितंबर को इन्हें रिम्स के पेइंग वार्ड में भर्ती कराया गया था। 5 अगस्त 2020 को राजद सुप्रीमो को कोविड संक्रमण के डर से रिम्स के केली बंगले में शिफ्ट कर दिया गया था। 5 अगस्त से लेकर 25 नवंबर तक यानि 112 दिनों तक उन्‍होंने बंगले की मुफ्त सेवा ली। पेइंग वार्ड में उन्होंने दो साल रहने के बदले 7 लाख रुपये का भुगतान भी किया, लेकिन बंगले में रहने की अवधि में शुल्क निर्धारित नहीं होने के कारण उनका 1 लाख 12 हजार रुपया बच गया।

बता दें कि चारा घोटाला के पांच मामलाें के आरोपी लालू प्रसाद यादव बिरसा मुंडा जेल के कैदी हैं। वे रिम्‍स में अपनी गंभीर बीमारियों का इलाज करा रहे हैं। वे रिम्‍स के पेइंग वार्ड में रह रहे थे। कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए उन्‍हें रिम्‍स निदेशक के केली बंगले में शिफ्ट किया गया था। चूंकि उस समय रिम्‍स के निदेशक का पद खाली था और बंगला भी खाली था, इसलिए लालू प्रसाद यादव काे बंगले में शिफ्ट किया गया था। अब रिम्‍स के नए निदेशक ने पदभार ग्रहण कर लिया है। रिम्‍स निदेशक के रांची आने के बाद से ही यह चर्चा तेज थी कि लालू प्रसाद काे अन्‍यत्र कहीं शिफ्ट किया जाएगा।

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