भारत में मिला कोरोना का डेल्टा वैरिएंट 96 देशों तक पहुंचा, WHO ने कहा- आने वाले महीनों में होगा और खतरनाक

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भारत में सबसे पहले मिला कोरोना का डेल्टा वैरिएंट लगभग आधी दुनिया में पहुंच चुका है। अब तक 96 देशों में इसके केस मिले हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने आशंका जताई है कि आने वाले कुछ महीनों में यह ज्यादा हावी हो जाएगा। यानी इसके और कई देशों में फैलने का खतरा है। वहीं, ब्रिटेन में मिला अल्फा वैरिएंट अब तक 172 देशों तक पहुंचा है।

WHO हर हफ्ते महामारी से जुड़े अपडेट जारी करता है। 29 जून को दिए अपडेट में उसने कहा है कि डेल्टा वैरिएंट 96 देशों में रिपोर्ट हुआ है। हालांकि, अब तक इस वैरिएंट की पहचान करने की कैपेसिटी बहुत लिमिटेड है। इसलिए हो सकता है कि इसके बारे में कम डेटा सामने आया हो। यह भी सच है कि कई देशों में इसी वैरिएंट की वजह से नए केस काफी ज्यादा बढ़ गए हैं।

बेहतर हो रही इकोनॉमी के लिए खतरा
WHO ने कहा कि डेल्टा वैरिएंट दुनिया भर में ठीक हो रही इकोनॉमी के लिए नया खतरा बनकर सामने आया है। इसके रोकने के लिए देशों को लोकल लेवल पर लंबे समय तक सुरक्षा उपाय लागू रखने की जरूरत पड़ सकती है। हालांकि, इसे वैरिएंट ऑफ कंसर्न घोषित किया जा चुका है। इसका मतलब ही है कि संक्रमण को रोकने के उपायों को लंबे समय तक बनाए रखना पड़ सकता है।

भारत में डेल्टा+ वैरिएंट का डर
भारत अभी कोरोना की दूसरी लहर से उबर रहा है। इसी बीच एक और नया खतरा मंडराने लगा है। देश में दूसरी लहर की वजह डेल्टा वैरिएंट को ही माना गया था। वह अब नए बदलावों के साथ और भी घातक हो गया है। इस नए स्ट्रेन को डेल्टा प्लस नाम दिया गया है। कहा जा रहा है कि ये मूल वायरस के मुकाबले दोगुना तेजी से फैल सकता है। भारत में इस नए स्ट्रेन के 50 से ज्यादा केस की पुष्टि हो चुकी है।

ऑस्ट्रेलिया को लॉकडाउन लगाना पड़ा
डेल्टा वैरिएंट के खतरे को देखते हुए ऑस्ट्रेलिया ने ग्रेटर सिडनी, ब्लू माउंटेन, सेंट्रल कोस्ट और वोलोंगोंग में दो हफ्ते का लॉकडाउन लगा दिया है। इसकी शुरुआत शनिवार से हो गई। सरकार ने पाबंदियां सख्ती से लागू करने के लिए कहा है। आदेश के मुताबिक पूरे न्यू साउथ वेल्स राज्य में पाबंदियां लागू रहेंगी।

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