भाजपा में सिंधिया के बढ़ते कद से नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने का जिम्मा केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को

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मध्य प्रदेश में होने जा रहे 27 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए भाजपा ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। पार्टी में ज्योतिरादित्य सिंधिया के बढ़ते कद से चिंतित और नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने का मोर्चा केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने संभाल लिया है। कार्यकर्ताओं के साथ उनकी बैठकों का दूसरा दौर जारी है और अगले दो दिनों में शेष विधानसभा क्षेत्रों तक पहुंचने का कार्यक्रम है।

दूसरी तरफ ज्योतिरादित्य सिंधिया अब सिर्फ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ ही दौरे करेंगे। दोनों सात सितंबर से गरीबों को राशन के लिए दी जाने वाली पात्रता पर्ची का वितरण करेंगे। उपचुनाव वाले सभी विधानसभा क्षेत्रों से भाजपा को लगातार फीडबैक मिल रहा था कि सिंधिया के आने के बाद से जमीनी कार्यकर्ताओं में शंकाओं- सवालों के साथ नाराजगी भी है। इस पर पार्टी ने कार्यकर्ताओं से मुलाकात का जिम्मा तोमर और वीडी को सौंप दिया। उनकी बैठक में सामने आया कि ग्वालियर- चंबल संभाग से लेकर प्रदेश की अन्य सभी उपचुनाव वाली सीटों पर सिंधिया की ही चर्चा है। हालांकि सिंधिया और समर्थक जब आते हैं, तो उनके सामने भाजपा कार्यकर्ता असहज महसूस करते हैं।

तय रणनीति के मुताबिक नरेंद्र सिंह तोमर और वीडी शर्मा की बैठकों में जमीनी कार्यकर्ताओं को दो-टूक निर्देश देने के बजाय राय ली जा रही है। उनकी शंका और सवालों का समाधान किया जा रहा है। एक सहज सवाल यह होता है कि क्या सिंधिया समर्थक को टिकट मिलेगा? तो तोमर समझा देते हैं कि सिंधिया अब भाजपा परिवार का हिस्सा हैं।

तोमर भाजपा कार्यकर्ताओं को ये समझाएंगे कि भाजपा की सरकार का होना जरूरी है, तभी वे सिर उठाकर चल सकेंगे। बड़ा सवाल यह नहीं है कि टिकट किसे दे रहे हैं, बल्कि लक्ष्य रखें कि भाजपा मजबूत हो। वर्ष 2008 और 2013 में विधानसभा चुनाव में जब भाजपा को जीत मिली, तो उस समय प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर थे। कुल मिलाकर भाजपा को भी एक बात समझ आ गई है अपने जमीनी कार्यकर्ताओं को नाराज करके उपचुनाव में उतरना बहुत मुश्किल होने वाला है। इसीलिए पार्टी अब डैमेज कंट्रोल में जुट गई है।

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