पालक नजरिया बदले तो स्कूल से बेहतर कोई स्कूल नही-श्री पुरोहित

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पालक नजरिया बदले तो स्कूल से बेहतर कोई स्कूल नही-श्री पुरोहित


जावरा नि.प्र। पालक नजरिया बदले शा स्कूल से बेहतर कोई स्कूल नही है शिक्षा विभाग में श्रेष्ठ एवं योग्य शिक्षक अपनी सेवाएं दे रहे है किंतु पालक के निजी एवम प्रायवेट विद्यालयो के प्रति अलग-अलग नजरिये के चलते पालक निजी विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों के प्रति ज्यादा गम्भीर एवं सजग होते है जबकि वही पालक शासकीय विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों के प्रति गम्भीर नही रहते,जबकि शासकीय शा शालाओं में शिक्षक प्रतियोगी परीक्षा पास कर प्रदेश में सेवाएं देते है,विभाग भी बच्चों को अपनी ओर आकर्षित करने में कोई कसर नही छोड़ रहे है
उक्त विचार मध्यप्रदेश राज्य कर्मचारी संघ तहसील जावरा अध्यक्ष श्री परीक्षित पुरोहित ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया |

श्री पुरोहित ने बताया कि शासकीय शालाओ में पढ़ने वाले अधिकांश बच्चे मजदूर एवं गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवार से आते हैं, माता पिता सुबह होते ही काम की तलाश में घर से निकल जाते हैं घर के बड़े बच्चे पर छोटे बच्चों को सम्भालने की जिम्मेदारी आ जाती है | पालक अपने परिवार को दो वक्त का खाना देने की जुगाड़ में ये भी भूल जाते हैं कि उनका बच्चा स्कूल भी जा रहा है | अधिकतर पालकों को ये भी नहीं पता होता है कि उनका बच्चा कौन सी कक्षा में पढ़ रहा है| शासकीय शालाओ में प्रवेश लेने वाले अधिकतर बच्चे अपनी माताओं के साथ प्रवेश लेने आते हैं | बच्चे को प्रवेश दिलाने के पश्चात पालक दो वक्त के खाने के इंतजाम में इतना व्यस्त हो जाते हैं कि उन्हें बच्चे की पढ़ाई का ध्यान ही नहीं रहता है | शिक्षक जैसे तैसे बच्चे को 5 वी 8 वी तक पढाता है | इसके बाद पालक उसे छोटे मोटे काम पर लगा देता है और उसकी पढ़ाई समाप्त हो जाती है | शिक्षक बहुत चाहता है कि ये बच्चे ओर आगे पढ़े और अपने परिवार का जीवन स्तर ऊंचा करें | शिक्षक समझाता है कि परिवार का एक बच्चा भी अच्छी तरह पढ़ लिया तो पूरा परिवार अच्छी स्थिति में आ जाऐगा |

श्री पुरोहित ने बताया कि शासकीय शालाओ में बच्चों को सिर्फ नियमित रूप से उपस्थित होना है बाकि उनको अच्छे संस्कार एवं शिक्षा देना शिक्षकों काम है | यदि बच्चा नियमित रहता है तो फिर जवाबदरी शिक्षक की है | श्री पुरोहित ने बताया कि शासन द्वारा बच्चों के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं जैसे निशुल्क गणवेश वितरण, निशुल्क पुस्तक वितरण, मध्याह्न भोजन, विभिन्न प्रकार की छात्रवृत्ति, समय समय पर खाद्यान्न वितरण, प्रतिभाशाली बच्चों को पुरूस्कार, अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति आदि कई योजनाएं हैं जो गरीब परिवारों के लिए ही चलाई जा रही है | श्री पुरोहित ने आमजनता से अपील की कि वे अपने बच्चों को शासकीय स्कूलों में ही प्रवेश दिलाएँ एवं शासन द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ लें | पालक समय समय पर स्कूल जाकर अपने बच्चों की प्रगति को देखें, शिक्षकों से बात करें, आने वाली समस्याओं को शाला प्रबंधन समिति से साझा करें | मेरा शिक्षक साथियों से भी अनुरोध है कि वे पालकों एवं विद्यार्थियों की समस्याओं को समझें, आने वाली कठिनाइयों से हमें अवगत करावें ताकि मिलजुलकर उन्हें दूर किया जा सके एवं आने वाली पीढ़ी के भविष्य को संवारकर एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण किया जा सके |

(मध्य प्रदेश स्टेट ब्यूरो चीफ प्रकाश बारोड़ की रिपोर्ट)

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