पंजाब कांग्रेस में कैप्टन अमरिंदर सिंह के समान रूतबा हासिल करने की जुगत में लगे विधायक नवजोत सिंह सिद्धू की मंगलवार को जमकर किरकिरी हुई। सिद्धू के करीबियों ने सोमवार को मीडिया में यह खबर फैलाई कि नवजोत सिद्धू को प्रियंका गांधी और राहुल गांधी ने मिलने के लिए बुलाया है। राहुल गांधी ने मंगलवार को नई दिल्ली में मीडिया से बातचीत के दौरान साफ कर दिया कि उन्होंने सिद्धू को मिलने के लिए नहीं बुलाया है।
पंजाब कांग्रेस की अंतर्कलह पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह आलाकमान की तीन सदस्यीय समिति से दूसरी बार मिलने गए थे। विवाद का मुख्य कारण सिद्धू द्वारा कैप्टन के कामकाज पर सवाल उठाना है। माना जा रहा था कि आलाकमान दोनों को बुलाकर विवाद का निपटारा करेगा लेकिन हुआ उलट। केवल कैप्टन को ही बुलाया गया और उनकी बात सुनी गई।
सिद्धू को आलाकमान से जब कोई न्योता नहीं मिला तो सोमवार को उनकी राहुल व प्रियंका से मुलाकात की खबर फैला दी गई। यह ऐसा मौका भी था जब आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल चंडीगढ़ में थे। सिद्धू के आम आदमी पार्टी में शामिल होने व मुख्यमंत्री का चेहरा बनाए जाने की खबरें कई दिनों से चर्चा में हैं।
2019 में सिद्धू ने छोड़ी थी पंजाब कैबिनेट
कांग्रेस विधायक नवजोत सिंह सिद्धू ने साल 2019 में पंजाब कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। दरअसल, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सिद्धू से स्थानीय निकाय विभाग छीन लिया था और उन्हें बिजली विभाग सौंपा था। इससे खफा सिद्धू ने दूसरे विभाग का कामकाज नहीं संभाला और बाद में अपना इस्तीफा भेज दिया था। मौजूदा समय में सिद्धू कोटकपूरा गोलीकांड और बेअदबी की घटना को लेकर पंजाब सरकार पर हमलावर हैं।
25 जून को इन नेताओं से मिले राहुल गांधी
राहुल गांधी पंजाब में पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सुनील जाखड़ और राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा से भी मुलाकात कर चुके हैं। इस दौरान सुनील जाखड़ ने कहा था कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को कुछ गलत लोग सलाह दे रहे हैं। वहीं 25 जून को शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला, स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू, मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा, राज्यसभा सांसद शमशेर सिंह दूलो, विधायक लखवीर सिंह से भी राहुल गांधी ने मुलाकात कर पंजाब में पार्टी की स्थिति के बारे में जानकारी हासिल की।