धूमधाम से मनाई गई महाराजा अजमीढ़ जी की जयंती, ध्यान योगी रोहित गुरु जी के सानिध्य में सत्संग-लाभ ।

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श्री मेढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार समाज-ताल द्वारा शरद पूर्णिमा पर श्री अजमीढ़ जी महाराज की जयंती धूमधाम से मनाई गई। संस्था द्वारा द्वितीय वर्ष के इस आयोजन में ( जावरा-रतलाम निवासी) ध्यान योगी श्री रोहित गुरु जी को ‘मुख्य अतिथि’ के रुप में आमंत्रित किया गया। आसपास के क्षेत्रों से सैकड़ों समाज-जन कार्यक्रम में उपस्थित हुए। कार्यक्रम के प्रारंभ में श्री रोहित गुरु जी द्वारा श्री अजमीढ़ जी महाराज को माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित किया गया। साथ ही समिति ने गुरु जी के कर कमलों से वरिष्ठ समाज जनों, प्रतिभावान छात्रों, एवं धर्मशाला के लिए दान देने वाले दानदाताओं का स्वागत सम्मान करवाया।

श्री रोहित गुरु जी के मुखारविंद से समस्त समाज जनों ने धार्मिक सत्संग का लाभ लिया व पितृ पुरुष महाराज अजमीढ़ देवजी की जीवनी पर प्रकाश डाला गया। विद्यार्थियों एवं व्यापारियों को गुरु जी द्वारा सरस्वती मंत्र प्रदान किया गया। लक्ष्मी प्राप्ति एवं पितृ दोष निवारण के कई अचूक उपाय बताए गए। प्रकृति को बचाने की द्रष्टि से वृक्षारोपण के लिए प्रेरित किया एवं दान के महत्व को बताते हुए धर्मशाला के लिए दान देने हेतु समाज जनों को प्रेरित किया, तत्पश्चात कई घोषणाएं भी हुई। गुरु जी द्वारा सभी दानवीर भामाशाहों का आभार व्यक्त किया गया। वरिष्ठ समाज जनों एवं समिति के सदस्यों ने गुरुजी को साफा बांधकर, साल, श्रीफल व राधे कृष्णा की तस्वीर भेंट कर पुष्प माला पहनाकर स्वागत सम्मान किया।

अजमीढ़ देव जी महाराज की आरती के पश्चात रुद्राक्ष, गोमती चक्र और कौड़ी उपस्थित सभी समाज जनों को गुरु जी ने आशीर्वाद स्वरुप भेंट किये।
ताल स्वर्णकार समाज एवं समिति के सभी सदस्यों को सफल कार्यक्रम की बहुत-बहुत शुभकामनाएं एवं आशीर्वाद देते हुए उनका आभार व्यक्त किया एवं उज्जवल भविष्य की कामना की। तदोपरांत सभी समाज जनों ने भोजन प्रसादी का आनंद लिया।

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