“देश में लोग रो रहे हैं, मदद मांग रहे हैं..और वो चुनावी रैलियों में हँस रहे हैं !” -प्रियंका गांधी

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भारत में कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप से स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने लगी है। देश में कई जगहों से वैक्सीन की किल्लत,ऑक्सीजन और बेड्स कमी की शिकायतें आ रही हैं। देश में चरमरा रही स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस महासिचव प्रियंका गांधी ने कहा कि जनवरी-फरवरी में 6 करोड़ टीके को निर्यात करने की क्या जरूरत थी। उस वक्त तो सिर्फ 3 से 4 करोड़ लोगों का वैक्सीनेशन हुआ था।

आखिर भारतीयों को प्राथमिकता क्यों नहीं दी गई। प्रियंका ने सरकार पर वैक्सीन की कमी के लिए ठोस रणनीति नहीं होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि रेमडिसिवर इंजेक्शन की कमी क्यों हो गई। प्रियंका ने मोदी सरकार से सवाल किया कि दुनिया में ऑक्सीजन उत्पादन करने में भारत सबसे ऊपर है, फिर भी यहां पर ऑक्सीजन की कमी हो जा रही है। आपके पास 7 से 8 महीने का वक्त था, जानकारों ने दूसरी लहर के बारे में सचेत भी किया था, लेकिन आपने इस पर ध्यान देना उचित नहीं समझा।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की उदासीनता की वजह से कोरोना संक्रमण का फैलाव तेजी से हो रहा है। प्रियंका गांधी ने कहा कि देश इस समय महामारी से जूझ रहा है। यह राजनीति करने का वक्त नहीं है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पीएम को जो सुझाव दिया है उस पर काम करने की जरूरत है। 

सरकार विपक्ष से बात करने को तैयार नहीं

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि यह कितना दुखद है कि देश में ऑक्सीजन की उपलब्धता होते हुए भी केवल 2000 ट्रक ही ऑक्सीजन का परिवहन कर सकते हैं। आज जिस जगह ऑक्सीजन की आवश्यकता है वहां पर नहीं पहुंच पा रही है। न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए प्रियंका गांधी ने यह वक्त तूं-तूं मैं-मैं करने की जरूरत नहीं है। इस महामारी ने किसी को नहीं छोड़ा.. लेकिन यह रैली और प्रचार करने में जुटे हुए हैं।  सभी राजनीतिक पार्टियां सरकार के साथ है, लोकतंत्र में चर्चा बहुत जरूरी है। लेकिन महामारी पर विपक्ष से बात करने को तैयार नहीं है। यह सरकार दुबई में आईएसआई से बात कर रही है । ऐसे में नाराजगी तो स्वाभाविक है।

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