देशभर में सादगी से मनाया गया दशहरा पर्व

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देशभर में रविवार को दशहरा बेहद सादगी से मनाया गया, इस अवसर पर प्रधानमंत्री सहित कई नेताओं ने देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। कोविड-19 के चलते इस साल पहले की तरह धूमधाम नहीं दिखी और पारंपरिक तौर पर हर साल रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले दहन करने के कार्यक्रम भी रद्द रहे। हर साल दशहरा उत्सव के दौरान आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में भारी भीड़ जुटती थी।

सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के तहत बड़ी संख्या में भीड़ जुटाने, मेला आयोजित करने अथवा खाद्य पदार्थों की स्टॉल लगाने पर रोक लगायी गई थी। पहले के मुकाबले बेहद कम स्थानों पर पुतला दहन की अनुमति दी गई थी। वहीं, राष्ट्रीय राजधानी में भी पहले की तरह धूमधाम नहीं दिखी क्योंकि लव कुश रामलीला समिति समेत कई प्रमुख रामलीला समितियों ने पारंपरिक तौर पर हर साल रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले दहन करने के कार्यक्रम को रद्द कर दिया था। 

दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने अधिकतम 200 लोगों को ही कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति दी थी। कोविड-19 के प्रसार की रोकथाम के मद्देनजर यह निर्णय लिए गए थे। दशहरा उत्सव का गढ़ माने जाने वाला लाल किले का रामलीला मैदान इस साल सुनसान नजर आया क्योंकि इस बार रामलीला समितियों ने दशहरा कार्यक्रम रद्द करने का निर्णय था।

वहीं,  दिल्ली से सटे नोएडा के सेक्टर 21 में रावण दहन किया गया है। इस दौरान कुछ गिनती लोग वहां मौजूद रहे। आमतौर पर हर साल यहां हजारों की संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं और रामलीला का मंचन भी किया जाता था। लेकिन इस बार कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से ऐसा नहीं हो पाया है या फिर हुआ भी तो बहुत सीमित रूप से। देश के अन्य हिस्सों में भी इसी प्रकार सीमित संख्या और तय नियमों के तहत ही दशहरे का त्यौहार मनाया गया।

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