देशभर में सड़क पर उतरे किसानों ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ किया चक्का जाम

0
267

नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों संगठनों ने शनिवार को देशव्यापी ‘चक्का जाम’ किया। अलग-अलग राज्यों में किसान संगठनों ने हाईवे और नेशनल हाईवे पर पहुंचे कर चक्का जाम कर दिया। किसानों का यह चक्का जाम आज दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक चला।


किसानों ने सड़क जाम कर जमकर नारेबाजी की किसान बिल वापस लेने की सरकार से मांग की। किसानों के देशभर में चक्का जाम की कुछ खास तस्वीरें सामने आई हैं। हालांकि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में चक्का जाम नहीं करने का फैसला हुआ था। चक्का जाम शांतिपूर्वक पूरा हुआ और कहीं भी किसी तरह की हिंसा की कोई खबर नहीं मिली।

किसानों के 3 घंटे के चक्का जाम के समापन के बाद गाजीपुर बॉर्डर के मंच से भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार नए कृषि कानूनों को वापस ले और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानून बनाए नहीं तो आंदोलन जारी रहेगा।


राकेश टिकैत ने आगे कहा कि हम पूरे देश में यात्राएं करेंगे और पूरे देश में आंदोलन होगा। टिकैत ने कहा कि हमने कानूनों को निरस्त करने के लिए सरकार को 2 अक्टूबर तक का समय दिया है। इसके बाद हम आगे की प्लानिंग करेंगे। हम दबाव में सरकार के साथ चर्चा नहीं करेंगे। नीचे दी गई तस्वीर हरियाणा के कुंडली की है जहां नए कृषि कानून के खिलाफ किसानों ने हाइवे पर पहुंचे कर चक्का जाम कर दिया।

चक्का जाम समाप्त होने के बाद प्रदर्शनकारी किसान संगठनों ने शनिवार को कहा कि वे सरकार के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन उसे नया प्रस्ताव लेकर आना चाहिए क्योंकि नए कृषि कानूनों को एक से ढेड़ साल तक के लिए निलंबित रखने का सरकार का मौजूदा प्रस्ताव उन्हें स्वीकार नहीं है। 

किसान यूनियनों ने स्पष्ट किया कि वे तीनों नए कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने से कम कुछ भी स्वीकार नहीं करेंगे। सिंघू बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन में संयुक्त किसान मोर्चे के वरिष्ठ नेता दर्शनपाल सिंह ने कहा कि गेंद अब सरकार के पाले में है। उन्होंने कहा कि हम बातचीत के लिए तैयार हैं। गेंद सरकार के पाले में है। हमने उन्हें स्पष्ट रूप से बताया कि पिछला प्रस्ताव (कानूनों को एक से डेढ़ साल तक निलंबित रखने) हमें स्वीकार्य नहीं है। अब उन्हें नए प्रस्ताव के साथ आना चाहिए।

राहुल गांधी ने देश के लिए कृषि कानूनों को बताया घातक
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसान संगठनों के ‘चक्का जाम’ का समर्थन करते हुए शनिवार को कहा कि अन्नदाताओं का सत्याग्रह देश हित में है और तीनों कृषि कानून राष्ट्र के लिए घातक हैं। राहुल ने ट्वीट किया, ‘अन्नदाता का शांतिपूर्ण सत्याग्रह देशहित में है- ये तीन कानून सिर्फ किसान-मजदूर के लिए ही नहीं, जनता व देश के लिए भी घातक हैं। पूर्ण समर्थन!





LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here