राजधानी दिल्ली में कोरोना के मामलों पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस की। उन्होंने बताया कि दिल्ली में कोरोना संक्रमण के नए मामलों में गिरावट देखी जा रही है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम सावधानियां बरतनी छोड़ दें।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में आज से 18 से अधिक उम्र के बच्चों का टीकाकरण रोक दिया गया है। केंद्र सरकार ने वैक्सीन की जितनी डोज भेजी थी वो खत्म हो गई है। इसके कारण कई वैक्सीन सेंटरों को बंद कर दिया गया है।
Delhi CM writes to PM over #COVID19 vaccine situation. His letter reads, “We’ve to close the vaccination centres from today as vaccines for 18+ category is exhausted. Delhi needs 80 lakh vaccines every month so that everyone here can be vaccinated within 3 months.’
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— ANI (@ANI) May 22, 2021
कुछ डोज बचे हुए हैं जो आज शाम तक खत्म हो जाएंगे। कल से युवाओं के वैक्सीनेशन के सभी सेंटर बंद हो जाएंगे। हमने केंद्र से और वैक्सीन के डोज की मांग की है। जैसे ही ये डोज हमें मिलते हैं, दिल्ली में फिर से युवाओं का टीकाकरण शुरू कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि दिल्ली को हर महीने 80 लाख वैक्सीन की जरूरत है। इसके मुकाबले मई में हमें केवल 16 लाख वैक्सीन मिली। जून के लिए केंद्र ने इस कोटे को कम करके आठ लाख कर दिया है। अभी तक हम दिल्ली में 50 लाख वैक्सीन लगा चुके हैं। और दिल्ली के सभी युवाओं के लिए हमें ढाई करोड़ वैक्सीन की जरूरत है।
अगर इसी रफ्तार से हमें वैक्सीन मिली तो केवल दिल्ली के युवाओं को वैक्सीन लगाने में 30 महीने लग जाएंगे। इतने दिनों में तो न जाने कितनी लहरें आएंगी और कितने लोग मर जाएंगे। अस्पताल, बेड, आईसीयू और वेंटिलेटर जैसी सुविधाओं की व्यवस्था तो हम कर ही रहे हैं लेकिन कोरोना के घातक परिणाम से बचाने में वैक्सीन ही सबसे असरदार है। वैक्सीन की कमी केवल सरकार की चिंता नहीं है, बल्कि आम आदमी भी इससे डरा हुआ है।
कोरोना की चपेट से देश को बचाने के लिए हमें वैक्सीन की उपलब्धता को तुरंत बढ़ानी पड़ेगी। इसके लिए केंद्र सरकार को मेरे चार सुझाव हैं-
-पहला यह कि भारतीय बायोटेक कंपनी जो कोवैक्सीन बनाती है, वह अपना फॉर्मूला दूसरी कंपनियों को देने के लिए तैयार है। केंद्र सरकार देश में वैक्सीन बनाने वाली अन्य सभी कंपनियों को बुलाकर आदेश दे कि युद्धस्तर पर इस फॉर्मूले से वैक्सीन बनाई जाए।
-दूसरा यह कि सभी विदेशी वैक्सीन को भारत में इस्तेमाल करने की अनुमति दी जाए और विदेशी वैक्सीन के निर्माताओं से केंद्र सरकार खुद बात करे। यह काम राज्य सरकारों पर नहीं छोड़नी चाहिए।
-कई राज्य जो अपनी जनसंख्या के मुकाबले अत्यधिक वैक्सीन जमा कर रहे हैं उनसे केंद्र को बात करनी चाहिए और ऐसा करने से मना करना चाहिए।
-विदेशी वैक्सीन की कंपनियों को भारत में भी उत्पादन की अनुमति दी जाए।