देश में जारी कोरोना संकट के बीच दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) नर्स यूनियन की अनिश्चितकालीन हड़ताल मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी है।नर्स यूनियन छठे केंद्रीय वेतन आयोग से संबंधित मांगों और अपनी अन्य मांगों को लेकर हड़ताल कर रही है।
#WATCH Members of AIIMS Nurses Union in Delhi sit on an indefinite strike over redressal of their demands, including that related to 6th Central Pay Commission pic.twitter.com/pHG1k3vVaI
— ANI (@ANI) December 15, 2020
दिल्ली नर्स यूनियन के अध्यक्ष ने कहा कि हमारी यूनियन प्रशासन के साथ बातचीत के लिए तैयार है। हम मरीजों के लिए बुरा महसूस कर रहे हैं, लेकिन हम असहाय हैं क्योंकि हमारी मांग पूरी नहीं हुई है। हमने एक महीने पहले हड़ताल का नोटिस दिया था, लेकिन तब भी प्रशासन ने हमारी मांगों को नहीं सुना।
जानकारी के अनुसार, एम्स का नर्स यूनियन अपनी मांगों को लेकर सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है, जबकि एम्स के निदेशक ने उनसे आंदोलन वापस लेने और काम पर लौटने की अपील की है। उनकी मांगों में छठे केंद्रीय वेतन आयोग की अनुशंसा को लागू करना और अनुबंध पर भर्ती खत्म करना भी शामिल है। करीब पांच हजार नर्स सोमवार दोपहर से हड़ताल पर चले गए जिससे इस प्रतिष्ठित अस्पताल में रोगी देखभाल सेवाएं बाधित हुईं। वहीं एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने एक वीडियो मैसेज में महामारी के समय में हड़ताल को अनुपयुक्त एवं दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया।
It’s unfortunate the union has gone on a strike now, only a few months from when a vaccine will provide the solution. I appeal to all nurses & nursing officers to not go on strike & come back & work and help us get through the pandemic: Dr Randeep Guleria, Director, AIIMS Delhi https://t.co/IuOW2o1n8j pic.twitter.com/F6CQFF97TI
— ANI (@ANI) December 14, 2020
उन्होंने कहा कि मैं सभी नर्सों और नर्सिंग अधिकारियों से अपील करता हूं कि वे हड़ताल पर नहीं जाएं और जहां तक नर्सों की बात है उनके संदर्भ में हमारी गरिमा को शर्मिंदा नहीं करें। डॉ. गुलेरिया ने कहा कि मैं आप सभी से अपील करता हूं कि वापस आएं और काम करें और इस महामारी से निपटने में हमारा सहयोग करें। हड़ताल पहले 16 दिसंबर से शुरू होने वाली थी।
गुलेरिया ने कहा कि नर्स यूनियन ने 23 मांगें रखी थीं और एम्स प्रशासन तथा सरकार ने उनमें से लगभग सभी मांगें मान ली हैं। उन्होंने कहा कि एक मांग मूल रूप से छठे वेतन आयोग के मुताबिक शुरुआती वेतन तय करने की असंगतता से जुड़ी हुई है।
एम्स निदेशक ने कहा कि नर्स संघ के साथ कई बैठकें न केवल एम्स प्रशासन की हुई हैं बल्कि स्वास्थ्य मंत्रालय के आर्थिक सलाहकार, व्यय विभाग के प्रतिनिधियों के साथ भी हुई हैं और जिस व्यक्ति ने छठे सीपीसी का मसौदा तैयार किया वह भी बैठक में मौजूद था। उन्हें बताया गया है कि उसकी व्याख्या सही नहीं है।
छठे सीपीसी की मांग के अलावा नर्स भर्ती में लैंगिक आरक्षण को खत्म करने और अनुबंध पर नियुक्तियां बंद करने आदि की भी मांग कर रहे हैं। निदेशक को लिखे पत्र में संघ ने कहा कि एम्स प्रशासन ने ठोस उपाय नहीं किए और छठे केंद्रीय वेतन आयोग से जुड़ी उनकी मांगों को खारिज कर दिया गया।