केंद्र सहित हर राज्य में बनेगा एक करियर सेंटर, नए श्रम कानूनों में है ये प्रावधान

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केंद्र सरकार ने नए श्रम कानूनों में ये प्रावधान किया है कि केंद्र सहित हर राज्य में एक करियर सेंटर बनेगा। इनका काम नौकरी और रोजगार से जुड़े आंकड़ों का समुचित टाटाबेस तैयार करना होगा। सरकार ने कोड ऑन सोशल सिक्योरिटी के ड्राफ्ट नियम जारी कर दिया हैं। 

इसके मुताबिक, अब सरकारी और निजी क्षेत्र को रिक्तियों की जानकारी राज्य या फिर केंद्र सरकार के आधीन करियर सेंटर में देनी होंगी। यही नहीं जिन राज्यों में करियर सेंटर उपलब्ध नहीं होगा वहां से जुड़ी नौकरियां केंद्रीय सेंटर पर ही दी जा सकेंगी। 

डिजिटल माध्यम पर जानकारी जरूरी

नए कानून में प्रावधान किए गए हैं कि राज्य सरकारों और केंद्र सरकार से संबधित सिस्टम में नई नौकरी की जानकारी मिलने के 3 दिन के भीतर उसे दूसरे माध्यमों के साथ साथ डिजिटल माध्यम यानि पोर्टल के जरिए बताना होगा। केंद्र सरकार ने ये प्रावधान किया है कि राज्य सरकारों को करियर सेंटर घोषित करना होगा। इसके लिए वो मौजूदा रोजगार कार्यालय को भी इसका हिस्सा बना सकते हैं। साथ ही किसी भी सरकारी या फिर निजी निकाय के साथ समझौते का भी प्रावधान किया गया है। हालांकि सरकार ने ये भी साफ किया है कि नई व्यवस्था से जुड़ी अधिसूचना पूरी होने तक मौजूदा रोजगार कार्यलय काम करते रहेंगे।

देनी होगी सभी विभागों को जानकारी

सरकारी विभागो से जुड़ी का फिर निजी क्षेत्र यानि जहां 50 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हों, उनको इस व्यवस्था में उपलब्ध रिक्तियों की जानकारी देते हुए ही नई नौकरी देनी होगी। वहीं यदि कोई भी नियोक्ता एक से ज्यादा राज्य में नौकरी देना चाहता है या फिर अपने राज्य से दूसरे राज्य में नौकरी की जरूरत होती है तो उसे केंद्रीय करियर सेंटर पर इसकी सूचना मैनुअल या फिर डिजिटल माध्यम से देना अनिवार्य किया जाएगा। नई नौकरी की जानकारी देने की बाकायदा समय सीमा भी तय की गई है। क्षेत्रीय करियर सेंटर पर परीक्षा या इंटरव्यू के आवेदन की आखिरी तिथि से 15 दिन पहले और केंद्रीय करियर सेंटर पर 40 दिन पहले सूचना देना अनिवार्य किया गया है। 

करियर सेंटर के काम

करियर सेंटरों का काम नौकरी और ट्रेनिंग देने वालों का समुचित डाटाबेस तैयार करना होगा। मुख्य तौर पर इन्हें नौकरी देने वाले लोगों और बेरोजगारों की जानकारी इकट्ठा करनी होगी। साथ ही व्यवसायिक मार्ग दर्शन, करियर काउंसलिंग और स्वरोजगार की दिशा में मार्गदर्शन देने के इच्छुक लोगों का भी डाटाबेस तैयार करना होगा। कोड ऑन सोशल सिक्योरिटी 2020 से जुड़ा ड्राफ्ट नोटिफिकेशन 13 नवंबर को जारी कर दिया गया है और इस पर सभी हितधारकों से 45 दिनों के भीतर सुझाव मांगे गए है।

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