सरकार और किसान नेताओं के बीच पांचवें दौर की वार्ता खत्म हो गई है। किसान नेता विज्ञान भवन से बाहर आ गए हैं और वो अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आज 10वें दिन भी विरोध जारी है। दिल्ली बॉर्डर पर जमे किसान संगठनों और सरकार के बीच आज पांचवें दौर की बातचीत खत्म हो गई है। गुरुवार को हुई चौथे दौर की बातचीत में कोई सहमति नहीं बन पाई थी। किसान संगठन कानून को पूरी तरह वापस लेने पर अड़े हैं। इसके लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की भी मांग की गई है।
Central Government has said that they will send us a proposal on December 9th. We will discuss it amongst ourselves after which a meeting with them will be held that day: Farmer leaders say after the fifth round of meeting with Central Government concludes#FarmLaws2020 pic.twitter.com/GidiFmEDYX
— ANI (@ANI) December 5, 2020
किसान संगठनों के नेता कानूनों को निरस्त करने की अपनी मांग पर अड़े रहे और उन्होंने बातचीत बीच में छोड़ने की चेतावनी दी। हालांकि, सरकार किसान नेताओं को वार्ता जारी रखने के लिए मनाने में सफल रही। किसानों का दावा है कि इन कानूनों से मंडी और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था समाप्त हो जाएगी।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने अनेक किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के समूह से कहा कि सरकार सौहार्दपूर्ण बातचीत के लिए प्रतिबद्ध है और नए कृषि कानूनों पर उनके सभी सकारात्मक सुझावों का स्वागत करती है। बाद में केंद्रीय वाणिज्य राज्य मंत्री और पंजाब से सांसद सोम प्रकाश ने पंजाबी में किसान नेताओं को संबोधित किया और कहा कि सरकार पंजाब की भावनाओं को समझती है। एक सूत्र के अनुसार सोम प्रकाश ने किसान नेताओं से कहा, ”हम खुले दिमाग से आपकी समस्त चिंताओं पर ध्यान देने को तैयार हैं।” बैठक में रेल, वाणिज्य और खाद्य मंत्री पीयूष गोयल भी शामिल हुए।
9 दिसंबर को होगी छठे दौर की वार्ता
केंद्र के साथ पांचवें दौर की बातचीत खत्म होने के बाद किसान नेताओं ने कहा कि सरकार ने कहा है कि वे 9 दिसंबर को हमें एक प्रस्ताव भेजेगी। किसान संगठनों में इस पर चर्चा होगी। इसके बाद उसी दिन केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच छठे दौर की बातचीत होगी।
जो कुछ भी सरकार करेगी वो किसानों के हित में करेगीः कृषि मंत्री
कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि जो कुछ भी सरकार करेगी वो किसानों के हित में करेगी। सरकार का राज्य की मंडियों को प्रभावित करने का कोई इरादा नहीं है। एपीएमसी और मजबूत हो, सरकार इसके लिए तैयार है। सरकार एपीएमसी पर गलतफहमी को दूर करने के लिए तैयार है।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान नेताओं से बातचीत खत्म होने के बाद प्रेस वार्ता की। उन्होंने कहा कि हमने किसान नेताओं को कहा है कि एमएसपी जारी रहेगा, इसे कोई खतरा नहीं है। इस पर शक करना बेबुनियाद है। फिर भी, अगर किसी को संदेह है तो सरकार इसे सुलझाने के लिए तैयार है। उन्होंने बैठक में किसान नेताओं से बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को प्रदर्शन स्थलों से घर वापस भेजने की अपील की।
8 दिसंबर को होगा भारत बंदः राकेश टिकैत
केंद्र सरकार से पांचवें दौर की बातचीत खत्म होने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत ने बताया कि सरकार एक मसौदा तैयार करेगी और हमें देगी। केंद्र ने कहा है कि वे इस पर राज्यों से भी सलाह लेंगे। टिकैत ने बताया कि आज की बैठक में न्यूनत समर्थन मूल्य पर भी चर्चा हुई है लेकिन हमने कहा कि कानूनों पर भी बातचीत हो और इसे वापस लिया जाए। वहीं प्रस्तावित भारत बंद के बारे में उन्होंने कहा कि 8 दिसंबर को भारत बंद किया जाएगा।
आंदोलन को अनुशासित रखने के लिए किसान नेताओं का धन्यवादः कृषि मंत्री
नरेंद्र तोमर ने वार्ता आगे न बढ़ने पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि हम कानून वापसी पर राज्यों से चर्चा करने व विभागों से चर्चा करेंगे। 7 दिसंबर को उन्होंने एक बार फिर से बातचीत करने की बात कही है। आंदोलन को अनुशासित रखने पर उन्होंने किसान नेताओं का धन्यवाद किया।
#WATCH | ट्विटर पर चीजों को घुमाया जाता है, मुद्दों को ना भटकाया जाए। हाथ जोड़कर विनती करता हूं, सरकार से भी गुज़ारिश है कि हमारे किसान भाइयों की मांगों को मान ले। यहां सब शांतिपूर्ण तरीके से बैठे हैं कोई खून-खराबा नहीं हो रहा है: सिंघु बॉर्डर पर अभिनेता दिलजीत दोसांझ pic.twitter.com/eSSSWqnNA9
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 5, 2020
सरकार से गुजारिश है, हमारे किसान भाइयों की मांगों को मान लेः दिलजीत दोसांझ
अभिनेता दिलजीत दोसांझ ने कहा कि ट्विटर पर चीजों को घुमाया जाता है, मुद्दों को ना भटकाया जाए। हाथ जोड़कर विनती करता हूं, सरकार से भी गुजारिश है कि हमारे किसान भाइयों की मांगों को मान ले। यहां सब शांतिपूर्ण तरीके से बैठे हैं कोई खून-खराबा नहीं हो रहा है।
बैठक स्थल से बाहर ‘इंडियन टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन’ (आईटीटीए) के कर्मचारियों को ‘हम किसानों का समर्थन करते हैं’ लिखे बैनर लहराते और नारे लगाते हुए देखा गया। इस संगठन ने प्रदर्शनकारी किसानों की आवाजाही के लिए वाहनों की सुविधा प्रदान की है। आईआईटीए के अध्यक्ष सतीश सहरावत ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ”मैं किसान परिवार से ताल्लुक रखता हूं। मैं उनकी आशंकाओं को समझ सकता हूं। हमारे महिपालपुर में खेत थे और अब आप वहां टी-3 टर्मिनल देख रहे हैं। हम प्रदर्शन कर रहे किसानों का समर्थन कर रहे हैं।”