कृषि क़ानूनों को हटाने के लिए हमारे किसान भाइयों को और कितनी आहुति देनी होगी?

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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि सरकार भीषण ठंड के बावजूद आंदोलन करने को मजबूर किसानों की बात सुनने को तैयार नहीं है इसलिए उसे बताना चाहिए कि किसानों को अभी कितनी आहुति देनी होगी। राहुल ने शनिवार को कहा, “कृषि कानूनों को हटाने के लिए हमारे किसान भाइयों को और कितनी आहुति देनी होगी।” 

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, “पिछले 17 दिनों में 11 किसान भाईयों की शहादत के बावजूद निरंकुश मोदी सरकार का दिल नहीं पसीज रहा। वह अब भी अन्नदाताओं के साथ नहीं, अपने धनदाताओं के साथ क्यों खड़ी है। देश जानना चाहता है-“राजधर्म” बड़ा है या “राजहठ” किसान आंदोलन।” 

उन्होंने कहा, “लोकतंत्र में निरंकुशता का कोई स्थान नहीं। आप और आपके मंत्रियों की नीति हर विरोधी को माओवादी और देशद्रोही घोषित करने की है। भीषण ठंड और बरसात में जायज़ माँगों के लिए धरने पर बैठे अन्नदाताओं से माफ़ी माँगिए और उनकी माँगें तत्काल पूरी करिए।”

किसान आंदोलन को बदनाम कर रही है भाजपा: लल्लू
उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार ‘लल्लू’ ने कहा कि किसानों द्वारा अपने जायज हक के लिए जारी आंदोलन एवं भारत बंद की व्यापक सफलता से भयभीत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उनकी सरकारें किसान आंदोलन को बदनाम करने का षड़यंत्र और कुचक्र कर रही हैं। लल्लू ने शुक्रवार को कहा कि देश के किसानों को एक तरफ आतंकवादी और भारत विरोधी बताया जा रहा है तो आंदोलन स्थल पर विभिन्न प्रकार के षड़यंत्रों के माध्यम से उसे बदनाम करने की भी कोशिश की जा रही है, जो लोकतांत्रिक, संवैधानिक और राजनैतिक मयार्दा के विपरीत है। 

असहमति रखने वालों को देशद्रोही कहती है सरकार-बादल

केंद्र के तीनों नए कृषि कानूनों की वजह से एनडीए से अलग हुए शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने शनिवार को सरकार पर निशाना साधा। एसएडी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा है कि जो भी सरकार से असहमत होता है, उसे देशद्रोही कहा जाता है। मालूम हो कि पंजाब, हरियाणा के हजारों किसान पिछले 17 दिनों से दिल्ली के बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं।

शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा, ”बड़े दुख की बात है कि केंद्र सरकार किसानों के संघर्ष को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। जो भी केंद्र सरकार के साथ सहमत नहीं है, उसे सरकार देशद्रोही कहती है। मैं केंद्र को कहना चाहता हूं कि जो किसान बैठे हैं इनका किसी धर्म के साथ संबंध नहीं है, ये अन्नदाता हैं।” 

बादल ने कहा कि केंद्र की कोशिश है कि किसान आंदोलन को राजनैतिक दलों और खालिस्तानियों का कहकर बदनाम किया जाए। दुर्भाग्यपूर्ण है कि अगर कोई उनसे असहमत होते हैं, तो वे उन्हें देशद्रोही कहते हैं। ऐसे बयान देने वालों को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। हम केंद्र के रवैये और ऐसे बयानों की निंदा करते हैं।

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