कृषि अध्यादेशों के ख़िलाफ़ कांग्रेस ने खोला मोर्चा, संसद के भीतर सरकार से की वापस लेने की माँग

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केंद्र सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में लाए गए तीन अध्यादेशों के ख़िलाफ़ देश के कई हिस्सों में किसानों द्वारा लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहा हो। दो दिन पहले ही हरियाणा के कुरुक्षेत्र में किसानों ने जोरदार प्रदर्शन किया, जहां किसानों पर लाठीचार्ज किया गया जिसमें कई किसानों को गम्भीर चोटें आईं। इसके अलावा पंजाब में भी केंद्र सरकार के इन अध्यादेशों ख़िलाफ़ किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। कई अन्य राज्यों में भी किसानों की ओर से विरोध दर्ज कराया जा रहा है।

आज संसद के मानसून सत्र के पहले दिन कांग्रेस पार्टी की ओर इन कृषि अध्यादेशों के खिलाफ बोलते हुए लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि- “भाजपा सरकार द्वारा कृषि अध्यादेशों के माध्यम से हरित क्रांति के ढांचे को ध्वस्त करने का प्रयास किया जा रहा है। हरित क्रांति के दो उद्देश्य थे- पहला न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करना और दूसरा तय MSP पर फ़सलों की सरकारी खरीद सुनिश्चित करना, किंतु भाजपा सरकार इन दोनों ही उद्देश्यों को नष्ट कर रही है। “

इसी मुद्दे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी ट्वीट करते हुए लिखा है कि – “किसान ही हैं जो खरीद खुदरा में और अपने उत्पाद की बिक्री थोक के भाव करते हैं । मोदी सरकार के तीन काले अध्यादेश किसान खेतिहर मजदूर पर घातक प्रहार हैं ताकि ना तो उन्हें एमएसपी व हक मिले और मजबूरी में किसान अपनी जमीन पूंजीपतियों को बेच दें….” इस मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी के प्रमुख विंग किसान कांग्रेस की ओर से भी लगातार इन अध्यादेशों को वापस लिए जाने की मांग की जा रही है।

किसान कांग्रेस के संगठन प्रभारी और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुरेंद्र सोलंकी लगातार किसानों के मुद्दे पर सड़क से सोशल मीडिया तक सरकार को घेर रहे हैं। उनके द्वारा पहले से ही पत्र लिखकर सरकार से किसान कर्जा मुक्ति, फसलों की खरीद सीधे एफसीआई द्वारा उचित मूल्य पर किए जाने, किसानों को नगद सहायता उपलब्ध कराए जाने और डीजल की कीमतों में कटौती किए जाने जैसी मांगे उठाई जा रही हैं। इस संबंध में कृषि मंत्री से मिलकर भी अपनी मांगों को रख चुके हैं, लेकिन सरकार की ओर से कोई कदम ना उठाए जाने पर उन्होंने कृषि भवन का घेराव करने से लेकर महामहिम राष्ट्रपति महोदय से गुहार भी लगाई है। इसके अलावा सोशल मीडिया के जरिये भी वो किसान कांग्रेस की ओर से लगातार किसानों की आवाज उठा रहे हैं। पिछले महीने मध्य प्रदेश के गुना में किसानों पर हुए अत्याचार और हाल ही में हरियाणा में किसानों पर हुए लाठीचार्ज की घटना के बाद वहां जाकर उन्होंने किसानों से मुलाक़ात भी की है।

सुरेन्द्र सोलंकी ने किसान कांग्रेस की ओर से मानसून सत्र की शुरुआत से पूर्व ही कांग्रेस पार्टी के सीनियर नेताओं और सांसदों को पत्र लिखकर यह आग्रह किया कि- किसानों की समस्याओं पर सरकार की ओर से लगातार की जा रही अनदेखी के मुद्दे पर और खासकर तीन कृषि अध्यादेशों के खिलाफ संसद में आवाज उठाई जाए। आज पार्टी के प्रमुख नेताओं की ओर से किसानों से जुड़े विषयों को आक्रामक तरीके से उठाया गया है। अब देखना ये है कि केंद्र सरकार इस पर आगे क्या रुख अपनाती है।

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