किसानों को केंद्र के सशर्त बातचीत का प्रस्ताव नहीं है मंजूर, आज से दिल्ली की घेराबंदी में जुटे किसान

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नए कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने अब दिल्ली को ब्लॉक करने का ऐलान कर दिया है। नये कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर पिछले चार दिन से प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने प्रदर्शनकारियों के उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी स्थित मैदान में जाने के बाद बातचीत शुरू करने के केंद्र के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया और कहा कि वे कोई सशर्त बातचीत स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि वे राष्ट्रीय राजधानी में आने वाले सभी पांच प्रवेश मार्गो को बंद कर देंगे। बता दें कि रविवार तक सिर्फ सिंघु बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर ब्लॉक थे, मगर अब गुरुग्राम, गाजियाबाद और फरीदाबाद से राजधानी को जोड़ने वाले हाईवे को किसानों द्वारा ब्लॉक किया जाएगा। किसानों ने प्रदर्शन के लिए बुराड़ी जाने से मना कर दिया तो देर रात भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर पर उच्चस्तरीय बैठक हुई जो करीब 2 घंटे तक चली।

अमित शाह की पेशकश मंजूर नहीं
गृह मंत्रालय ने भी किसान संगठनों को आश्वासन दिया कि केंद्रीय मंत्रियों का एक उच्चस्तरीय दल प्रदर्शनकारियों के बुराड़ी मैदान पहुंचने के बाद उनसे बातचीत करेगा। किसानों के 30 से अधिक संगठनों की रविवार को हुई बैठक में किसानों के बुराड़ी मैदान पहुंचने पर तीन दिसंबर की तय तारीख से पहले वार्ता की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की पेशकश पर बातचीत की गयी, लेकिन हजारों प्रदर्शनकारियों ने इस प्रस्ताव को स्वीकारने से मना कर दिया और सर्दी में एक और रात सिंघु तथा टिकरी बार्डरों पर बिताने की बात कही। उनके प्रतिनिधियों ने कहा कि उन्हें शाह की यह शर्त स्वीकार नहीं है कि वे प्रदर्शन स्थल बदल दें। उन्होंने दावा किया कि बुराड़ी मैदान एक ‘खुली जेल’ है। विपक्षी पार्टियों ने भी इस बात पर जोर दिया कि सरकार को किसानों के साथ बिना शर्त बातचीत शुरू करनी चाहिए।

केंद्र के कृषि बिलों के खिलाफ किसानों केसा आंदोलन का आज 5वां दिन है। दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन जारी है। आज वे दिल्ली के 5 एंट्री पॉइंट्स को सील करने की तैयारी में हैं। किसानों के जमावड़े को देखते हुए पुलिस ने सिंघु और टिकरी बॉर्डर को आवाजाही के लिए बंद कर दिया है। उधर, सरकार अपनी स्ट्रैटजी बनाने में जुटी है। गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर रविवार रात बैठक की।

किसानों ने रविवार को कहा था कि बुराड़ी नहीं जाएंगे और दिल्ली की घेराबंदी के लिए 5 एंट्री पॉइंट्स पर धरना देंगे। किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा बोले- हमारे पास इतना राशन है कि 4 महीने भी हमें रोड पर बैठना पड़े, तो बैठ लेंगे। गाजियाबाद बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों की पुलिस से हाथापाई हुई। हालांकि, बाद में यहां किसानों ने भजन भी गाए।

हाईवे पर बसा मिनी पंजाब
किसान आंदोलन के चलते हाईवे का नजारा मिनी पंजाब जैसा हो गया है। ट्रॉलियों को ही किसानों ने घर बना लिया है। यहीं खाना बन रहा है तो यहीं नहाने और कपड़े धोने का इंतजाम है। जगह-जगह लंगर लगे हैं। धरने वाले धरने पर बैठे हैं। खाना बनाने वाले खाना बना रहे हैं। सभी को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई है।

शाह बोले- किसानों का आंदोलन राजनीति से प्रेरित नहीं
अमित शाह रविवार को हैदराबाद में बोले कि मैंने कभी यह नहीं कहा कि ये आंदोलन राजनीति से प्रेरित है और न अब कह रहा हूं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हर चीज पर सबका अलग नजरिया होता है।

किसान संगठनों के 3 ऐलान
1. बुराड़ी ओपन जेल, वहां नहीं जाएंगे: किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा ने कहा- सरकार ने यह शर्त रखी थी कि हम हाईवे खाली कर बुराड़ी जाएं। शर्त अपमानजनक है। हम बुराड़ी मैदान में नहीं जाएंगे, क्योंकि वह ओपन जेल है। इसका सबूत भी है हमारे पास। उत्तराखंड के तेजिंदर सिंह विर्क की अगुआई में किसान दिल्ली के जंतर-मंतर जाना चाहते थे। दिल्ली के प्रशासन और पुलिस ने उनके साथ धोखा किया। उन्हें जंतर-मंतर न ले जाकर बुराड़ी पार्क में कैद कर दिया।

2. पांच एंट्री पॉइंट्स से करेंगे दिल्ली का घेराव, लंबी लड़ाई की तैयारी
सिरसा ने कहा- हम ओपन जेल में जाने की बजाय सोनीपत, रोहतक के बहत्तर गढ़, जयपुर से दिल्ली हाईवे, मथुरा-आगरा से दिल्ली हाईवे, गाजियाबाद से आने वाला हाईवे जाम करेंगे और दिल्ली की घेराबंदी करेंगे। 5 एंट्री पॉइंट्स पर धरना देंगे। हमने रहने के लिए ट्रैक्टर-ट्रॉली को घर जैसा बना रखा है। हम लंबे दौर की तैयारी करके आए हैं।

3. हमारे मंच से कोई राजनीतिक दल स्पीच नहीं देगा
किसानों ने कहा कि हमने एक कमेटी बनाई है। यही पांचों पॉइंट्स पर धरने-प्रदर्शन का संचालन करेगी। किसी भी राजनीतिक दल को स्टेज पर बोलने की इजाजत नहीं है। कांग्रेस, आप या कोई भी राजनीतिक दल के लोग हमारे स्टेज पर स्पीकर के तौर पर नहीं बोलेंगे। इनके अलावा दूसरे संगठनों के जो संचालन कमेटी के तय नियमों को मानेंगे, उन्हें बोलने की इजाजत दी जाएगी।

बुराड़ी से अपने साथियों को वापस बुलाएंगे
इसके साथ ही किसानों ने यह भी कहा कि वे बुराड़ी में मौजूद अपने साथियों को वापस बुलाएंगे। बुराड़ी में किसानों का एक ग्रुप पहले से ही डेरा डाले हुए है। इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि किसान बुराड़ी मैदान पर इकट्ठे हों। इसके बाद उनसे बात की जाएगी। किसान संगठन पहले ही कह चुके हैं कि वे दिल्ली घेरने आए हैं, न कि दिल्ली में घिर जाने के लिए।

सरकार ने फिर दिया बातचीत का प्रस्ताव
यूनियन होम सेक्रेटरी अजय भल्ला ने पंजाब के 32 किसान यूनियनों को बातचीत के लिए दिल्ली के बुराड़ी बुलाया था। उन्होंने बताया कि जैसे ही किसान बुराड़ी शिफ्ट होंगे, अगले ही दिन सरकार विज्ञान भवन में किसानों के प्रतिनिधिमंडल और मंत्रियों के बीच चर्चा के लिए तैयार है। इससे पहले, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा था कि सरकार तय दिन 3 दिसंबर से पहले भी किसानों से बातचीत के लिए तैयार है।

आज फिर पहल की संभावना
सूत्रों के अनुसार, किसानों के आंदोलन को जल्द समाप्त करने के लिए सरकार सोमवार को नए सिरे से पहल कर सकती है। सरकार आंदोलनकारियों से बिना शर्त चर्चा के लिए तैयार है। उसकी कोशिश है कि किसान आंदोलनकारी जितना जल्दी हो सके हाईवे से हट जाएं ताकि आवाजाही हो सके सुनिश्चित हो सके। सोमवार को दिल्ली और आसपास बहुत सारी शादियों को देखते हुए भी दिक्कत है बढ़ने की आशंका है। इस दौरान कोई बड़ी समस्या खड़ी ना हो, इसके लिए भी कानून व्यवस्था को दुरुस्त किया जा रहा है।

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